पूरे देश में 100 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के मतदाताओं का सत्यापन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह काम निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट को साफ करने के मकसद से शुरू किया है. इसकी शुरुआत दिल्ली में चुनाव कार्य के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश देकर हुई है. इस प्रक्रिया के तहत, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन मतदाताओं का विवरण सही हो.
निर्वाचन आयोग का मकसद वोटर लिस्ट को शुद्ध करना और यह सुनिश्चित करना है कि 100 साल से ज्यादा उम्र के वोटर्स का विवरण सटीक रूप से अपडेट हो. यह कवायद मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से अलग है.
सूत्रों के मुताबिक, यह एक बड़े राष्ट्रव्यापी निरीक्षण अभियान की शुरुआत है. आयोग ने बिहार को छोड़कर अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके लिए निर्देश जारी किए हैं.
घर-घर सर्वेक्षण और अंतिम रिपोर्ट...
जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओएस) और निर्वाचन पंजीयक पहले से ही इस काम में लगे हैं. निर्वाचन अधिकारियों (ईआरओ) को प्रत्येक मतदाता का सत्यापन करने और आवश्यक सुधार करने का काम सौंपा गया है. आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से सत्यापन पूरा होने का प्रमाण पत्र भी मांगा है. पत्र में कहा गया है कि यह रिपोर्ट 15 सितंबर, 2025 तक आयोग को प्रस्तुत करनी होगी.
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अधिकारियों ने बताया कि 100 साल और उससे ज्यादा उम्र के मतदाताओं की सटीक डीटेल्स जुटाने के लिए घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है. सत्यापन पूरा होने के बाद, ऐसे वोटर्स की लिस्ट पब्लिश की जाएगी. 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली में 100 साल से ज्यादा उम्र के करीब 1,000 मतदाता थे.
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