Mohammed Siraj IND vs ENG 2nd test: एजबेस्टन टेस्ट के तीसरे दिन दिन की शुरुआत में मोहम्मद सिराज ने अपने पहले ही ओवर में दो विकेट लिए और इंग्लैंड की पारी को झकझोर दिया. सिराज ने जो रूट (22) और बेन स्टोक्स (0) को चलता किया. जिससे इंग्लैंड की टीम का स्कोर 84/5 हो गया. लेकिन बाद में जेमी स्मिथ और हैरी ब्रूक ने 368 गेंदों में 303 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की. हालांकि इसके बाद भी इंग्लैंड की टीम टीम 407 रन पर सिमट गई.
सिराज ने एजबेस्टन टेस्ट में 6 विकेट लेकर यादगार प्रदर्शन किया, वहीं दूसरे छोर पर उनको आकाश दीप का भी भरपूर साथ मिला. जिन्होंने बुमराह की जगह खेलते हुए 4 विकेट झटके. इस मैच के दौरान मोहम्मद सिराज का एक आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला नजर आया. दरअसल, जब सिराज जब बिना जसप्रीत बुमराह या मोहम्मद शमी के खेलते हैं तो उनके टेस्ट के आंकड़े ज्यादा भौकाली बन जाते हैं.
— BCCI (@BCCI) July 4, 2025जब सिराज ने बुमराह के साथ खेले टेस्ट मैच
सिराज ने अब तक जसप्रीत बुमराह के साथ 23 टेस्ट मैच खेले हैं और इन मैचों में उनका गेंदबाजी औसत 33.82 रहा है. लेकिन जब वह बुमराह के बिना खेले हैं, यानी 15 टेस्ट मैचों में, तब उनका औसत बेहतर होकर 25.20 हो गया है. यानी यह शानदार है.
जब सिराज शमी के साथ खेले टेस्ट मैच
मोहम्मद शमी के साथ खेले गए 9 टेस्ट में सिराज का औसत 34.96 रहा है, जबकि जब वह बुमराह और शमी दोनों के साथ खेल, ऐसे 6 टेस्ट मैचों में उनका औसत 33.05 रहा है.
जब बिना शमी-बुमराह के खेले सिराज
सबसे रोचक आंकड़ा यह है कि जिन 12 टेस्ट मैचों में सिराज ने ना तो तो बुमराह और ना ही शमी के साथ गेंदबाजी की, उनमें उनका औसत सिर्फ 22.27 रहा है, जो उनके करियर का सबसे बेहतरीन आंकड़ा है.
इससे साफ है कि जब सिराज अकेले 'लीड बॉलर' की भूमिका में निखरकर सामने आते हैं, वह और ज्यादा प्रभावशाली प्रदर्शन करते हैं. यानी जब उन पर भरोसा और जिम्मेदारी दी जाए तो इसका सीधा असर उनके प्रदर्शन पर दिखता है. वहीं सिराज ने मैच के बाद खुद भी माना कि उनको जिम्मेदारी लेना पसंद है.
ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन पर उठे थे सवाल, एजबेस्टन में बदला माहौल
ऑस्ट्रेलिया में सिराज खराब प्रदर्शन नहीं किया था, लेकिन फिर भी उनके प्रदर्शन पर सवाल उठे थे. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान उन्होंने 31.15 की औसत से 20 विकेट लिए, जबकि वो सीरीज सीम और स्विंग के अनुकूल मानी जा रही थी. लेकिन जब बार-बार विकेट नहीं मिलते, तो आलोचक करियर औसत की ओर देखने लगते हैं, जो इस सीरीज (तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी) की शुरुआत में 31.83 था.
हालांकि एजबेस्टन में कहानी बदल गई. जब सब विशेषज्ञ और फैन्स बुमराह की गैरमौजूदगी की चिंता कर रहे थे, तब सिराज आए, उन्होंने आकाश दीप के बाद गेंद संभाली, और अपने अंदाज में गेंदबाजी करते गए. ना उन्होंने लेंथ बदली, न बहुत ज्यादा सीम मिली औरना ज्यादा स्विंग, फिर भी उन्होंने 6 विकेट चटकाए.
हाालंकि एक चीज जो उन्होंने बदली वो थी लाइन. हेडिंग्ले में उनकी 47.5% गेंदें ऑफ स्टंप के बाहर 'चैनल' में थीं, जबकि एजबेस्टन में ये घटकर 42.9% हो गईं. उन्होंने ज्यादा स्ट्रेट लाइन पर गेंदें फेंकी, 22.5% से बढ़कर 33.8%.
सिराज खुद जानते हैं कि क्रिकेट में किस्मत का कितना रोल होता है. उन्होंने मैच के बाद कहा- मैं एक साल से पांच विकेट की तलाश में था, हर बार चार पर अटक जाता था, आज (4 जुलाई) बहुत खास दिन है, क्योंकि इंग्लैंड में मेरे पास केवल 4 विकेट ऑल था. वैसे भारत की ओर इंग्लैंड की इस पारी में सिराज ने सबसे कम ओवर फेंके, लेकिन फिर भी सबसे ज्यादा बार स्टंप्स को हिट किया, कुल मिलाकर 28 बार. उनमें से तीन बार उन्हें विकेट मिले.
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