एक्टर विक्रांत मैसी का कहना है कि बॉलीवुड में पीआर बहुत मायने रखता है. अक्सर एक्टर्स से उम्मीद की जाती है कि वो सबकी उम्मीदों पर खरे उतरें. उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में सिर्फ टैलेंट ही नहीं, बल्कि खुद का प्रमोशन करना और इमेज बनाना भी उतना ही जरूरी होता है.
विक्रांत ने अपने साथ हुए एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया कि इस वजह से उनका घर का खर्च बिगड़ गया था. पब्लिसिटी के लिए भारी-भरकम डिजाइनर कपड़ों पर खर्च करना और अपनी असलियत से दूर जाना उनके लिए एक मुश्किल एक्सपीरियंस रहा.
खुद के फैसलों पर उठाए सवाल
रिया चक्रवर्ती से बातचीत में विक्रांत ने कहा- ऐसे दिन आते हैं जब मैं बैठकर अपने फैसलों पर सवाल उठाता हूं. कई बार कमजोर भी पड़ जाता हूं, और 2-3 दिन तक यही सोचता रहता हूं- क्या मैं सही कर रहा हूं? क्या मुझे भी खुद को एक खास ढंग से पेश करना चाहिए? क्या मुझे भी बाहर जाकर पैपाराजी से फोटो खिंचवाने चाहिए? हर किसी का तरीका अलग होता है. और हां, ये जरूरी भी है, क्योंकि इसका एक अलग ही असर होता है.
पत्नी ने दिखाया था आईना
विक्रांत ने आगे कहा कि- मैंने करीब 4-5 महीने, यानी आधे साल तक कोशिश की. पार्टियों में जाना शुरू किया, कपड़े किराए पर लेने लगा, और वो इतने महंगे होते हैं. एक बार पहनने के लिए ही हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं. 50-60 हजार रुपये एक दिन के लिए, सिर्फ एक इवेंट के लिए!
'मेरी पत्नी (जो उस वक्त मेरी गर्लफ्रेंड थीं) ने मुझसे कहा, 'क्यों? सिर्फ 4-5 घंटे के लिए तुम इतने बड़े डिजाइनर के कपड़े पहनते हो. ये तो हमारे पूरे महीने का खर्चा है!' मैं समझ गया कि मैं इसमें कैसे पूरी तरह से असहज महसूस कर रहा था. मैं खुद नहीं रह पा रहा था. जब भी वो महंगे कपड़े पहनता था, हमेशा डर लगा रहता था कि कहीं कुछ खराब ना हो जाए, क्योंकि उन्हें लौटाना भी होता था.'
वर्कफ्रंट की बात करें तो, विक्रांत जल्द ही शनाया कपूर के साथ 'आंखों की गुस्ताखियां' फिल्म में रोमांस करते नजर आएंगे. इस लव स्टोरी को थियेटर्स में 11 जुलाई को रिलीज किया जाएगा.