जब सरकार ने नहीं सुनी तो महिलाओं ने खुद बनाया पुल, फतेहपुर में रिंद नदी पर जज्बे को सलाम

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फतेहपुर जिले के कृपालपुर गांव की महिलाओं ने रिंद नदी पर खुद लकड़ी का अस्थायी पुल बनाना शुरू किया है. वर्षों से पुल की मांग के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर महिलाओं ने गांव के बच्चों की पढ़ाई और इलाज को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया. अब पूरा गांव इस कार्य में सहयोग कर रहा है.

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महिलाओं ने नदी पर बना दिया बांस का पुल

महिलाओं ने नदी पर बना दिया बांस का पुल

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जब शासन और प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, तो फतेहपुर के कृपालपुर गांव की महिलाओं ने खुद रिंद नदी पर लकड़ी का पुल बनाना शुरू कर दिया. यह गांव बिंदकी तहसील के देवमई विकास खंड में स्थित है, जहां महिलाएं अपने बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जरूरतों को देखते हुए नदी पर अस्थायी पुल बना रही हैं.

कलावती और सीमा देवी नाम की दो ग्रामीण महिलाओं ने इस पहल की शुरुआत की. वो अब तक 80 हजार रुपये खर्च कर चुकी हैं. पुल निर्माण का काम लकड़ी, बांस और पोल की मदद से किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का सहयोग भी लगातार मिल रहा है.

महिलाओं ने बनाया रिंद नदी पर लकड़ी का पुल

गांव की महिलाएं बताती हैं कि बरसात में रिंद नदी उफान पर आ जाती है और रोज करीब 300 बच्चे नाव से स्कूल जाते हैं. कई बार हादसे हो चुके हैं. खेत, चारा और पानी की जरूरतों के लिए भी नदी पार करना पड़ता है. लंबे समय से पुल की मांग हो रही थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों और सरकार की अनदेखी के चलते महिलाओं ने खुद यह बीड़ा उठाया.

ग्रामीणों अब तक खर्च हो चुके हैं 80 हजार रुपये

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक स्थायी पुल नहीं बनता, तब तक अस्थायी पुल ही सहारा है. महिलाओं का यह प्रयास अब आसपास के कई गांवों के लिए मिसाल बन चुका है.

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