राजस्थान के जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ उपखंड के डांगरी गांव में मंगलवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव फैला दिया. 50 वर्षीय किसान खेत सिंह की हिरण शिकार का विरोध करने के कारण तीन लोगों द्वारा की गई हत्या के बाद गांव में हिंसा भड़क उठी. आक्रोशित ग्रामीणों ने एक अल्पसंख्यक समुदाय की 3-4 केबिन नुमा दुकानों और एक ट्रक में आग लगा दी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों मुख्य आरोपियों को हिरासत में लिया है और स्थिति पर काबू पाने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल को मौके पर तैनात कर दिया है.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक शिवहरे के अनुसार, डांगरी गांव के निवासी खेत सिंह ने करीब 10 दिन पहले गांव के ही लाडू खान और आलम खान को हिरण का शिकार करने से रोका था. इस बात को लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई थी. इसी रंजिश के चलते मंगलवार देर रात खेत सिंह सो रहे थे, तभी लाडू खान, आलम खान और एक अन्य व्यक्ति ने कथित तौर पर धारदार हथियार से उन पर वार कर दिया. हमले में खेत सिंह रात भर गंभीर रूप से घायल अवस्था में खेत में पड़े रहे.
सुबह जानकारी मिलने पर गंभीर अवस्था में घायल खेत सिंह का बेटा नाथू उन्हें लेकर बाड़मेर स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचा, जहां इलाज के दौरान खेत सिंह ने दम तोड़ दिया.
इससे के बाद खेत सिंह की हत्या की खबर फैलते ही डांगरी गांव में तनाव बढ़ गया. बुधवार शाम करीब 6 बजे, आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपियों के परिवार से जुड़ी एक टायर-ट्यूब की दुकान में आग लगा दी जो बाद में पास की 3-4 अन्य केबिन नुमा दुकानों और एक ट्रक तक फैल गई. इस हिंसा के बाद राजपूत और अन्य समुदायों के लोग सांगड़ पुलिस थाने के बाहर धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे.
पुलिस ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और गांव में बैरिकेड्स लगाए. ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया और स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन तनावपूर्ण बनी हुई है.
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