ज्यादातर लोग अपनी सुबह की शुरुआत एक कप चाय या कॉफी की चुस्कियां लेकर करते हैं. शायद एक कप कॉफी आपको भी सुबह की नींद से जगाने का काम करती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये कॉफी आपको नुकसान भी पहुंचा सकती है. दरअसल, कॉफी आपको नींद से जगाने के साथ ही आपकी आंखों की रोशनी को भी नुकसान पहुंचा सकती है. ये सामने आई एक चौंकाने वाली रिसर्च से पता चला है कि बहुत ज्यादा कॉफी पीने से अंधे होने का खतरा बढ़ सकता है.
जहां कॉफी को अक्सर उसके हेल्थ बेनिफिट्स के लिए पहचाना जाता है, वहीं अब डॉक्टर्स की ये नई चेतावनी लोगों का ध्यान खींच रही है. चलिए जानते हैं रिसर्च में क्या पाया गया.
रिसर्च में क्या पाया गया?
चीनी शोधकर्ताओं द्वारा की गई नई रिसर्च में इंस्टेंट कॉफी न पीने का एक और बड़ा कारण सामने आया है. उनका कहना है कि उन्होंने इंस्टेंट कॉफी और आंखों की एक गंभीर बीमारी के बीच संबंध पाया हैय ये बीमारी ऐसी है जिससे आंखों की रोशनी धुंधली हो जाती है. साफ शब्दों में कहें तो इस बीमारी में आपको आपकी आंखों के सामने रखी चीजें साफ नहीं दिखतीं. वे सभी आपको टेढ़ी-मेढ़ी या धुंधली दिखने लगती हैं. रिसर्च में पाया गया कि जो लोग इंस्टेंट कॉफी पीना पसंद करते हैं, उनमें किसी भी दूसरे प्रकार की कॉफी पीने वालों की तुलना में ये बीमारी होने की संभावना सात गुना ज्यादा होती है.
बीमारी कैसे डालती है आंखों पर असर?
इसे आयु-संबंधित मैकुलर डिजनरेशन (ऐज-रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन) (AMD) के नाम से जाना जाता है, इसमें आखों के रेटिना का सबसे छोटा और बीच वाला खराब हो जाता है. इससे लोगों की पढ़ने, गाड़ी चलाने और चेहरे को पहचानने की क्षमता प्रभावित होती है.
रिसर्चर्स का मानना है कि यह इंस्टेंट कॉफी तैयार करने के तरीके के कारण हो सकता है, जो एक्रिलामाइड नामक कैमिकल छोड़ता है जो बल्डस्ट्रीम में एंट्री कर सकता है और रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है.
इस रिसर्च को लीड करने वाले आंखों के एक्सपर्ट डॉ. क्यूई जिया ने चेतावनी दी है, 'इंस्टेंट कॉफी उम्र-संबंधित मैकुलर डिजनरेशन के खतरे को बढ़ा सकती है, लेकिन अगर आप इंस्टेंट कॉफी पीना कम कर देते हैं तो इसे रोकने में मदद मिल सकती है. जिन लोगों में इस बीमारी से पीड़ित होने का खतरा बहुत ज्यादा है उन्हें इंस्टेंट कॉफी पीने से बचना चाहिए.'
किन लोगों को है बीमारी का खतरा?
इस बीमारी से पीड़ित होने का खतरा बहुत से लोगों को हैं, इनमें ऐसे लोग हैं जिनके परिवार में किसी ना किसी को कभी ना कभी ये बीमारी हुई हो. इसके साथ ही ऐसे लोग इनमें शामिल हैं, जिनका वजन बहुत ज्यादा होता है, धूम्रपान करते हैं या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. ऐसे लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, जिनकी आंखें नीली या हरी हों क्योंकि उनकी आंखों में वो कंपाउंड कम होता है, जो रोशनी देता है. इसका मतलब ये है कि ये लोग सूरज की रोशनी से ज्यादा नुकसान झेल सकते हैं.
लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि उनकी रिसर्च सिर्फ देखने और समझने पर आधारित थी. इससे यह साफ तौर पर साबित नहीं होता कि इंस्टेंट कॉफी ही आंखों की बीमारी AMD की वजह है. इससे पहले की गई रिसर्च में पाया गया है कि कॉफी AMD के खतरे को कम कर सकती है.