हरियाणा की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा इस वक्त देश की सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं. पाकिस्तान के लिए कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार की गई ज्योति इस समय हिसार पुलिस की पांच दिन की रिमांड पर है और हर रोज उससे जुड़े नए-नए खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसियों का दावा है कि ज्योति ने पूछताछ के दौरान न केवल सहयोग नहीं किया, बल्कि लगातार झूठ बोला और जांच को गुमराह करने की कोशिश भी की.
तीन बड़े झूठ, जो अब तक पकड़े गए :
पहला झूठ: पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी दानिश से संबंध छिपाया
एनआईए, आईबी और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम की पूछताछ में ज्योति ने शुरुआत में दावा किया कि उसकी पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी दानिश से केवल औपचारिक बातचीत हुई थी. लेकिन बाद में डिजिटल डिवाइसेज की फॉरेंसिक जांच से पता चला कि दोनों के बीच नियमित और प्राइवेट किस्म की बातचीत होती रही थी. इतना ही नहीं, ज्योति ने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन से चैट्स डिलीट किए और डेटा रिकवरी से सामने आया कि वह दानिश से कई बार मिली थी.
दूसरा झूठ: चैट डिलीट करने के बाद भी मना किया
जब जांच एजेंसी ने उससे दो बार की चैटिंग के गायब होने का सवाल किया, तो उसने इसे तकनीकी गड़बड़ी बताया. मगर तकनीकी टीम ने साफ किया कि चैट जानबूझकर डिलीट की गई थी. यह एक बड़ी कोशिश थी सबूतों को मिटाने की, जो उल्टी पड़ गई.
तीसरा झूठ: ISI अधिकारी अली हसन से संपर्क से भी इनकार
जांच में सामने आया कि ज्योति का संपर्क दानिश के अलावा ISI अधिकारी अली हसन से भी था. मगर ज्योति ने पूछताछ में इस बात से भी साफ इनकार कर दिया. बाद में डिवाइस से मिले डेटा और कॉल रिकॉर्ड ने उसकी बात को गलत साबित कर दिया.
डिजिटल सबूत और 'एन्क्रिप्टेड एप्स' की साजिश
जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और एक एन्क्रिप्टेड एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया, जिसके जरिए वह पाकिस्तान के एजेंट्स से संपर्क में थी. एन्क्रिप्टेड एप्लिकेशन का मतलब होता है ऐसी तकनीक जिससे भेजे गए संदेश या मीडिया को कोड में बदल दिया जाता है, जिसे केवल रिसीवर ही पढ़ सकता है. इसमें चैट, वीडियो, तस्वीरें और कॉल अपने-आप डिलीट हो सकते हैं. ज्यादातर तस्वीरें और वीडियो डिसअपीयरिंग मोड में भेजी गईं थीं. इसका मकसद था . सबूत ना छोड़ा जाए. हालांकि, कुछ डेटा पुलिस की तकनीकी टीम ने रिकवर कर लिया है.
पाकिस्तान का मकसद क्या था?
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान की मंशा थी कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के जरिए भारत में प्रोपेगेंडा फैलाया जाए और ऐसे लोगों के जरिये भारतीय सेना या खुफिया एजेंसियों के संपर्क में आकर संवेदनशील जानकारी जुटाई जाए. यह भी शक है कि ज्योति को सिस्टम विरोधी नैरेटिव फैलाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे सोशल मीडिया पर सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया जा सके.
जांच एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ और सबूत
अब तक ज्योति से हरियाणा पुलिस की स्पेशल टीम, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), भारतीय सेना के खुफिया अधिकारी पूछताछ कर चुके हैं. इस पूछताछ में कुछ बेहद संवेदनशील वीडियो, चैट लॉग्स और एक डायरी जब्त की गई है.
बंगाल से पाकिस्तान कनेक्शन तक
जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति पिछले एक साल में कई बार बंगाल जा चुकी है. वो सिर्फ कोलकाता ही नहीं, बल्कि उत्तर बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र चिकन नेक, नदिया, और बैरकपुर तक गई थी. ये सभी क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं, खासकर चिकन नेक जो भारत के नॉर्थ ईस्ट को बाकी देश से जोड़ता है. इसके अलावा कोलकाता में ज्योति की मुलाकात एक ट्रैवल ब्लॉगर सौमित भट्टाचार्य से भी हुई थी, जो इस समय अंडमान में है. पुलिस अब सौमित से भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है, क्योंकि वह भी ज्योति की गतिविधियों का गवाह हो सकता है. एक और चौंकाने वाला खुलासा यह है कि ज्योति ने अपने फोन में पाकिस्तानी एजेंट्स के नंबर फर्जी नामों से सेव कर रखे थे.
पूछताछ जारी है, और बड़े नामों के खुलासे संभव
सूत्रों का कहना है कि ज्योति की गिरफ्तारी की यह केवल शुरुआत है. अब तक की पूछताछ में सामने आए हैं कई नाम, जिनमें कुछ प्रभावशाली डिजिटल क्रिएटर्स शामिल हैं. जांच एजेंसियां अब उस नेटवर्क को खंगाल रही हैं जो पिछले डेढ़ साल से एक्टिव था और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा और जासूसी गतिविधियों में शामिल हो सकता है.