झारखंड: शराब नीति घोटाले में IAS विनय चौबे अरेस्ट, एंटी-करप्शन ब्यूरो का एक्शन

23 hours ago 1

झारखंड में नई शराब नीति बनाने के दौरान हुए घोटाले के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सीनियर IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को गिरफ्तार कर लिया है. उनके साथ ही संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है. यह मामला 2022 में झारखंड में बनी नई शराब नीति से जुड़ा है, जिसमें छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप है.

एसीबी रांची की टीम ने विनय चौबे को उनके घर से गिरफ्तार किया और उन्हें कोर्ट में पेश किया. एसीबी ने आरोप लगाया है कि विनय चौबे और गजेंद्र सिंह ने छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर राज्य में नई शराब नीति तैयार की, जिससे अवैध फायदा हुआ. छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा ने 27 सितंबर 2024 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद झारखंड की एसीबी ने भी जांच शुरू की और कई बार दोनों अधिकारियों से पूछताछ की.

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छत्तीसगढ़ से झारखंड में की जाती थी शराब की सप्लाई!

मामले की जांच के दौरान पता चला कि छत्तीसगढ़ के अधिकारी और व्यापारी मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई, कामकाज और होलोग्राम सिस्टम पर नियंत्रण हासिल कर राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे थे. इसमें राज्य के सरकारी अधिकारियों का भी संलिप्त होना आशंका के दायरे में है. मंगलवार को मामले की जांच के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील से कानूनी राय ली, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई.

इस घोटाले की जांच में पहले से ही ईओडब्ल्यू और आर्थिक अपराध शाखा सक्रिय हैं. झारखंड सरकार ने हाल ही में छत्तीसगढ़ की सिफारिश पर इस मामले को सीबीआई को सौंपने का नोटिफिकेशन जारी किया है. इससे जांच का दायरा और बढ़ेगा और मामले की गहन जांच होगी. हालांकि, एसीबी की गिरफ्तारी से पहले तक इस मामले में झारखंड सरकार की तरफ से सहयोग की कमी के कारण जांच धीमी होती रही.

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आईएएस विनय चौबे पर गंभीर आरोप

विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ इस घोटाले में कई आरोप हैं, जिनमें आर्थिक नुकसान पहुंचाना और अवैध कनेक्शन बनाना शामिल है. इस बीच छत्तीसगढ़ की एसीबी ने झारखंड सरकार से विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी है. 

रांची के रहने वाले विकास कुमार की शिकायत पर सात सितंबर 2024 को रायपुर में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की गई थी, जिसमें झारखंड के IAS विनय चौबे और छत्तीसगढ़ के एक रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर का भी नाम शामिल था.

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