टोक्यो का बिजनेसमेन करोड़ों की कंपनी छोड़ बना शिवभक्त! अब देहरादून में बांट रहे कांवड़ियों को खाना

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आज के समय में जहां दुनिया दौलत के पीछे भाग रही है, वहीं, जापान से भारत आकर एक शख्स धर्म और सेवा का रास्ता चुनता है, ये अपने आप में बहुत बड़ी प्रेरणा है. दरअसल, एक जापानी व्यापारी ने अपने करोड़ों के बिजनेस को अलविदा कहकर भगवान शिव की भक्ति में खुद को समर्पित कर दिया है. आपको बता दें कि 41 साल के होशी ताकायुकी, जो पहले टोक्यो में 15 ब्यूटी प्रोडक्ट स्टोर के मालिक थे, अब “बाला कुंभ गुरुमुनि” बन चुके हैं. 

क्या है ताकायुकी की कहानी?
एक 41 वर्षीय जापानी व्यक्ति अपने फलते-फूलते व्यापारिक साम्राज्य को छोड़कर भगवाधारी शिवभक्त बनने के कारण सुर्खियां बटोर रहा है. अब बाला कुंभ गुरुमुनि के नाम से प्रसिद्ध, होशी ताकायुकी कभी टोक्यो में 15 सफल ब्यूटी प्रोडक्ट्स के मालिक थे. लेकिन अब? वह उत्तराखंड में आत्म-खोज की यात्रा पर निकले एक भगवान शिव भक्त हैं. पारंपरिक भगवा वस्त्र पहने और 20 जापानी अनुयायियों के साथ, उन्हें हाल ही में कांवड़ यात्रा के दौरान पवित्र गंगा जल लेकर नंगे पैर चलते देखा गया. बताया जाता है कि उन्होंने अपनी तीर्थयात्रा के दौरान देहरादून में साथी कांवड़ियों के लिए दो दिवसीय भोजन शिविर का भी आयोजन किया था.

Hoshi Takayuki, a 41-year-old former businessman from Tokyo, once owned a successful chain of 15 beauty-product stores in Japan. However, he gave up his luxurious lifestyle to fully embrace Hindu spirituality and devotion to Lord Shiva.

Now known as Bala Kumbha Gurumuni, Hoshi… pic.twitter.com/BTdQGC71yB

— Neeraj Singh Dogra 🇮🇳 (@dogra_ns) July 24, 2025

टक्या है सब कुछ छोड़ने की वजह?
होशी ताकायुकी की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत 20 साल पहले तमिलनाडु से हुई थी.  यात्रा के दौरान, उनकी नज़र नाड़ी ज्योतिष पर पड़ी - एक प्राचीन सिद्ध पद्धति जो ताड़-पत्र पांडुलिपियों से जीवन की व्याख्या करती है, जो कथित तौर पर हज़ारों साल पुरानी हैं. पढ़ने के दौरान, उन्हें कथित तौर पर बताया गया कि उन्होंने पिछला जन्म हिमालय में बिताया था और हिंदू आध्यात्मिकता का अनुसरण करना उनके लिए नियति है.  ताड़ के पत्तों में लिखा था – "तुम्हारा पिछला जन्म उत्तराखंड में बीता था." इसके कुछ समय बाद उन्हें एक सपना आया, जिसमें उन्होंने खुद को उत्तराखंड के एक गांव में देखा. बस वहीं से उनकी ज़िंदगी बदल गई.

शिव भक्ति का चुना नया रास्ता
इस अनुभव से प्रेरित होकर, श्री ताकायुकी ने अपना व्यापारिक साम्राज्य अपने अनुयायियों को सौंपने का फैसला किया और एक नई आध्यात्मिक पहचान अपनाकर अपना नाम बदलकर बाला कुंभ गुरुमुनि रख लिया। उन्होंने अपने टोक्यो स्थित घर को एक पूर्ण शिव मंदिर में बदल दिया और एक दूसरा मंदिर भी बनवाया. होशी ताकायुकी ने अपना नाम बदलकर रखा “बाला कुंभ गुरुमुनि” रख लिया है. इसके साथ ही टोक्यो का घर भी शिव मंदिर बना दिया है.  वहीं, जापान में एक और नया मंदिर बनवाया है और  पुडुचेरी में 35 एकड़ जमीन पर अब एक विशाल शिव मंदिर बनवाने जा रहे हैं. इसके साथ ही जल्द ही उत्तराखंड में भी आश्रम खोलने की योजना है. 

देवभूमि उत्तराखंड से है गहरा नाता
होशी ताकायुकी ने बताया कि "मुझे लगता है कि मैंने अपना पिछला जन्म यहीं बिताया है.  मैं अब भी उन पहाड़ों में अपने गांव को खोज रहा हूं. इसके अलावा, पौड़ी गढ़वाल निवासी और लंबे समय से जापान में रह रहे उनके मित्र रमेश सुंदरियाल के अनुसार, 41 वर्षीय इस व्यक्ति ने पुडुचेरी में 35 एकड़ जमीन खरीदी है, जहां वह एक बड़ा शिव मंदिर बनवाने की योजना बना रहे हैं. वह जल्द ही उत्तराखंड में एक आश्रम भी खोलने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं देवभूमि उत्तराखंड से गहरा लगाव महसूस करता हूं. मेरा मानना है कि मैंने अपना पिछला जीवन यहीं बिताया है और मैं अभी भी पहाड़ों में अपने गांव की तलाश कर रहा हूं." 

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