अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को दिए एक इंटरव्यू में सैन फ्रांसिस्को में सेना भेजने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि वह डेमोक्रेट्स के नियंत्रण वाले शहरों में अमेरिकी सैन्य बलों की तैनाती बढ़ाना चाहते हैं. ट्रंप पहले ही लॉस एंजिलिस, वॉशिंगटन और मेम्फिस में नेशनल गार्ड भेज चुके हैं, जबकि शिकागो और पोर्टलैंड में स्थानीय अदालतों ने इस तैनाती को रोक दिया था.
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अब हम सैन फ्रांसिस्को जाने वाले हैं, फर्क यह है कि मुझे लगता है वहां के लोग हमें चाहते हैं. कभी सैन फ्रांसिस्को दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक था, लेकिन करीब 15 साल पहले सब कुछ गलत हो गया. हम वहां जाएंगे और उसे फिर से महान बनाएंगे.
समाचार एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कई बार अमेरिकी शहरों में अपराध और अव्यवस्था को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, ताकि सेना की तैनाती को जायज ठहराया जा सके. उन्होंने पिछले महीने यह भी सुझाव दिया था कि अमेरिकी शहरों को सेना के ट्रेनिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
पहली बार जून में लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड भेजे गए थे, जब माइग्रेशन को लेकर छापों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे. आलोचकों का कहना था कि ये छापे नस्ल और भाषा के आधार पर लोगों को निशाना बना रहे थे.
वहीं, कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूज़म ने उस समय ट्रंप की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की थी. न्यूज़म अक्सर ट्रंप से टकराव में रहते हैं और 2027 के राष्ट्रपति चुनाव के संभावित दावेदार माने जा रहे हैं.
ट्रंप का ये बयान ऐसे समय आया है जब सैन फ्रांसिस्को स्थित टेक कंपनी सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ ने भी हाल ही में शहर में नेशनल गार्ड भेजने की बात कही थी, जिसके लिए उन्हें भारी आलोचना का सामना करना पड़ा.
बता दें कि सैन फ्रांसिस्को लंबे समय से रिपब्लिकन विचारधारा में एक प्रतीकात्मक शहर रहा है. बेघरपन और नशे की समस्या से जूझ रहे इस शहर को रिपब्लिकन मीडिया अक्सर अमेरिका के शहरी पतन का उदाहरण बताता है, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन के कारण हुआ है.
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