दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बेहद खराब हो गई है. प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी CAQM ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की सब-कमेटी ने आपात बैठक बुलाई. मौसम और हवा की स्थिति की समीक्षा के बाद GRAP-2 के तहत 12 सूत्रीय एक्शन प्लान लागू करने का फैसला लिया.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के मुताबिक आज दिल्ली की एयर क्वालिटी 'खराब' दर्ज की गई है. नई दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आज सुबह 6 बजे 367 दर्ज किया गया. रविवार शाम 6 बजे AQI 300 था और 7 बजे यह 302 पहुंच गया था, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है.
अब NCR में GRAP स्टेज-II (Very Poor श्रेणी, AQI 301-400) के तहत तय सभी कदम तुरंत लागू किए जाएंगे. ये कदम GRAP स्टेज-1 की कार्रवाइयों के अलावा लागू रहेंगे. आयोग ने NCR राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCBs) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
CAQM ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे GRAP स्टेज-I और स्टेज-II के तहत दिए गए सुझावों का पालन करें.
- लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करें.
- तकनीक का उपयोग करें, कम भीड़भाड़ वाला मार्ग चुनें, भले ही वह थोड़ा लंबा हो.
- अपने वाहनों में नियमित रूप से एयर फिल्टर बदलें.
- अक्टूबर से जनवरी के महीनों के दौरान धूल पैदा करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचें.
- ठोस अपशिष्ट और बायोमास को खुले में जलाने से बचें.
GRAP स्टेज-II के तहत लागू 12 सूत्रीय एक्शन प्लान
GRAP-2 के तहत 12 सूत्रीय एक्शन प्लान पूरे दिल्ली-एनसीआर में तुरंत लागू कर दिया गया है. ये योजना पहले से चल रहे GRAP-I के सभी उपायों के अलावा है. इस कार्य योजना में एनसीआर के सभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और अन्य एजेंसियों को कई ज़रूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. इन कदमों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किए जाने वाले विशेष उपाय शामिल हैं.
1. सड़कों की सफाई: चिह्नित सड़कों पर रोज़ाना मशीनों से सफाई (वैक्यूम स्वीपिंग) और पानी का छिड़काव किया जाए. ज़रूरत पड़ने पर मशीनों की संख्या और काम के घंटे बढ़ाए जाएं.
2. धूल नियंत्रण: सड़कों, खासकर हॉटस्पॉट और व्यस्त इलाकों में रोज़ाना धूल रोकने वाले पदार्थों के साथ पानी का छिड़काव किया जाए और एकत्रित धूल का सुरक्षित निपटान किया जाए.
3. निर्माण स्थलों की जांच: निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर धूल नियंत्रण नियमों के सख्त पालन के लिए निरीक्षण बढ़ाए जाएं.
4. हॉटस्पॉट क्षेत्रों में कार्रवाई: एनसीआर के सभी प्रदूषण हॉटस्पॉट्स में खास तौर पर ध्यान देकर वायु प्रदूषण कम करने के उपाय तेज़ किए जाएं.
5. निरंतर बिजली आपूर्ति: डीज़ल जनरेटर के उपयोग को कम करने के लिए निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जाए.
6. डीजी सेटों का नियंत्रण: औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय इलाकों में डीजी सेटों के उपयोग को तय नियमों के तहत सीमित किया जाए.
7. यातायात कंट्रोल: ट्रैफिक जाम से बचने के लिए चौराहों और व्यस्त सड़कों पर ट्रैफिक का समन्वय किया जाए और पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं.
8. जनजागरूकता अभियान: लोगों को वायु प्रदूषण से बचाव और जिम्मेदार व्यवहार के लिए समाचार पत्रों, टीवी और रेडियो पर सलाह और चेतावनी संदेश जारी किए जाएं.
9. निजी वाहनों को हतोत्साहित करना: निजी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाया जाए.
10. सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा: सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाए, मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति बढ़ाई जाए और ऑफ-पीक घंटों में सस्ती यात्रा दरें लागू की जाएं.
11. सर्दियों में सुरक्षा उपाय: निवासी कल्याण संघ (RWA) अपने कर्मचारियों- जैसे सुरक्षा, सफाई और बागवानी स्टाफ को ठंड में इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराएं, ताकि वे खुले में कचरा या बायोमास जलाने से बचें.
12. प्रदूषणकारी बसों पर रोक: एनसीआर राज्यों से आने वाली बसें जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-VI डीज़ल नहीं हैं, उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. (ऑल इंडिया परमिट वाली बसें और टेंपो ट्रैवलर इससे बाहर रखे गए हैं.)
---- समाप्त ----