डार्क चॉकलेट की पहचान अब ट्रीट की जगह हेल्दी फूड के रूप में होने लगी है. खासकर सोशल मीडिया पर लोग इसके फायदों पर खूब बातें कर रहे हैं और कई दावे भी कर रहे हैं. चाहें पीरियड्स के दर्द से राहत के लिए हो, ऑफिस में झटपट का नाश्ता या फिर मिठाई के हेल्दी ऑप्शन के रूप में डार्क चाकलेट की जमकर मार्केटिंग की जा रही है.
क्यों डार्क चॉकलेट है ट्रेंडी टॉपिक
संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट (70% या उससे ज्यादा कोको) खाने से दिल, त्वचा और थोड़े समय के लिए आपकी मेंटल हेल्थ भी बेहतर हो सकती है लेकिन डॉक्टर चेतावनी देते हैं कि यह कोई दवा नहीं है और इसके ज्यादा सेवन से आपके शरीर में ज्यादा चीनी, कैलोरी, कैफीन, फैट और हेवी मेटल्स जमा होने का कारण खतरा पैदा हो सकता है.
'द वीक' ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि एक वायरल रील में हेल्थ एजुकेटर प्रशांत देसाई जिनके इंस्टाग्राम पर 14 लाख फॉलोअर्स हैं, दावा करते हैं, 'डार्क चॉकलेट एक दवा है. जी हां दोस्तों, साइंस ने इस बात को माना है कि 70% या उससे ज्यादा पर्सेंट की डार्क चॉकलेट में कोको होता है जो पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होता है.'
वो बताते हैं कि कोको बीन्स कठोर वातावरण में उगते हैं, लचीलापन और ताकत विकसित करते हैं, जो उनके अनुसार जब हम इन्हें खाते हैं तो हममें भी वही गुण ट्रांसफर हो जाते हैं.
क्या ये दावे सच हैं?
अगर आप हाई कोको कॉन्टेंट (70% या उससे ज्यादा) वाली अच्छी क्वालिटी की डार्क चॉकलेट खरीदते हैं तो यह काफी पौष्टिक हो सकती है. 50 ग्राम चॉकलेट बार में आमतौर पर लगभग 5.5 ग्राम फाइबर, 33% की डेली वैल्यू (DV) का आयरन, 28% मैग्नीशियम, 98% कॉपर और 43% मैंगनीज होता है. इसमें ओलिक एसिड (दिल के लिए हेल्दी फैट), स्टीयरिक एसिड और थोड़ा पामिटिक एसिड के साथ एक हेल्दी फैटी एसिड प्रोफाइल भी होती है. हालांकि उसी बार में लगभग 300 कैलोरी और 12 ग्राम चीनी भी हो सकती है इसलिए संयम बरतना जरूरी है.
चॉकलेट में होते हैं ये पोषक तत्व
डार्क चॉकलेट पॉलीफेनॉल्स, फ्लेवोनॉइड्स, कैटेचिन्स और प्रोसायनिडिन्स से भरपूर होती है जो सभी एंटीऑक्सिडेंट्स के रूप में काम करते हैं. ये यौगिक शरीर को ऑक्सिडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं. ऑक्सिडेटिव तनाव कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जिससे क्रॉनिक डिसीस का जोखिम बढ़ता है, यह वक्त से पहले बुढ़ापा लेकर आता है और आपकी हेल्थ को डैमेज करता है.
डार्क चॉकलेट से फायदा ही होगा, इसकी गारंटी नहीं
अध्ययनों से पता चलता है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनॉइड्स एंडोथेलियम (ब्लड वेसल्स की परत) को नाइट्रिक ऑक्साइड पैदा करने के लिए उत्तेजित कर सकते हैं, जो धमनियों को आराम पहुंचाने, रक्त प्रवाह में सुधार लाने और ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद करता है.
हालांकि कुछ रिसर्च में डाक चॉकलेट के सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं लेकिन फिर भी रिजल्ट्स मिक्स्ड हैं. कहने का मतलब है कि इसे खाकर आपको पूरी तरह फायदे मिलेंगे, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती है.
ज्यादा खाई तो होगा नुकसान
उदाहरण के लिए 2019 में महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 85% डार्क चॉकलेट खाने से सेवन के दो घंटे बाद ब्लडप्रेशर थोड़ा बढ़ गया लेकिन तनाव के दौरान इससे वास्तव में ब्लडप्रेशर और हृदय गति कम हो गई. इन प्रभावों को स्पष्ट करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है.
डार्क चॉकलेट दवाई नहीं
नवी मुंबई में मेडिकवर हॉस्पिटल की डायटेटिक्स विभाग की प्रमुख डॉ. राजेश्वरी पांडा डार्क चॉकलेट के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावों के प्रति आगाह करती हैं. उन्होंने बताया, 'डार्क चॉकलेट को दवा कहना, मैं इस कथन से सहमत नहीं हूं. यह दवा तो नहीं है लेकिन हां यह पोषक तत्वों से भरपूर है, फ्लेवोनॉइड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर है जो दिल और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए अच्छी है.'
बच्चे और प्रेग्नेंट महिलाएं दूर रहें
उनके अनुसार, संयम ही सबसे जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह आपके दिल और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है लेकिन केवल तभी जब इसे सही मात्रा में खाया जाए. डार्क चॉकलेट ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने, मूड को बेहतर बनाने और समय के साथ याददाश्त और कोग्निटिव हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करती है. लेकिन इसमें कैलोरी, चीनी, कैफीन, फैट और यहां तक कि हेवी मेटल्स भी ज्यादा होते हैं. इसलिए इसका ज्यादा सेवन सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है.
उन्होंने आगे बताया कि केवल 70% से ज्यादा कोको वाली चॉकलेट ही फाययदेमंद होती हैं लेकिन फिर भी मात्रा सीमित होनी चाहिए. लगभग 30 से 60 ग्राम यानी रोजाना एक या दो छोटे टुकड़े, या हफ्ते में 100 से 200 ग्राम अभी भी एक सही मात्रा है. इससे ज्यादा इसके फायदे इसके खतरे से ज्यादा हैं. गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हेवी मेटल्स होने की वजह से इससे पूरी तरह दूर रहना ही बेहतर है.
क्या वाकई डार्क चॉकलेट से मेंटल हेल्थ पर अच्छा असर होता है
डार्क चॉकलेट को कई लोग मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा बताते हैं लेकिन क्या डार्क चॉकलेट वाकई दिमाग की सेहत में सुधार ला सकती है, इस सवाल पर डॉ. पांडा कहती हैं, 'नहीं. यह आपके दिमाग के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है. इसके फायदे थोड़े समय के लिए ही होते हैं जैसे कि मूड अच्छा होना और फिर सतर्कता बढ़ाना जो फ्लेवोनॉइड्स, कैफीन और थियोब्रोमाइन जैसे कंपाउंड्स की वजह से होता है. लेकिन इससे लॉन्ग टर्म फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं मिला है.'
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