डोनाल्ड ट्रंप का 'पुष्पा स्टाइल'.... कतर के साथ डबल गेम और 400 मिलियन डॉलर का धोखा!

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सुपरहिट फिल्म पुष्पा: द राइज़ में एक सीन सबको याद होगा. जिसमें पुष्पा के किरदार में अल्लू अर्जुन एक कुख्यात तस्कर के साले की हत्या कर देते हैं, जबकि तस्कर लाइव कॉल पर पुष्पा से अपने साले की जान की भीख मंगता है. पुष्पा उसे गोली मारते हुए कहता है, 'पांच मिनट पहले कॉल करने का था ना, लेट कर दिया.' मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जब इज़रायल ने हमास नेताओं को निशाना बनाने के लिए कतर पर बमबारी कर दी. 

ट्रंप का डबल गेम 

एक ऐसा हमला जिसके बारे में तेल अवीव ने दावा किया कि उसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन हासिल था. ट्रंप ने बेपरवाही से कहा, 'दुर्भाग्य से हमले रोकने में बहुत देर हो चुकी थी,' हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि इज़रायल ने पहले ही हमले की जानकारी दी थी.

दरअसल, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने द टाइम्स ऑफ़ इज़रायल को बताया कि, अमेरिका को काफ़ी पहले ही सूचित कर दिया गया था. हालांकि, कतर को दी गई अमेरिका की चेतावनी, चाहे जानबूझकर दी गई हो या नहीं, बहुत कम और बहुत देर से दी गई चेतावनी लगती है. कतर ने कहा कि अमेरिका से यह कॉल दोहा में हमले शुरू होने के 10 मिनट बाद आया. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने ट्वीट किया, 'एक अमेरिकी अधिकारी का कॉल धमाकों की आवाज़ के दौरान आया था.'

यह फैक्ट कि ये हमले कतर में हुए, जो अमेरिका का एक करीबी सहयोगी है और जिसने ट्रंप को अपने पक्ष में करने के लिए काम किया है. लेकिन हमलों ने कतर में धोखे की भावना को और ज्यादा बढ़ा दिया है. इसने नोबेल शांति पुरस्कार के दीवाने ट्रंप के डबल गेम को भी उजागर कर दिया. यह इज़रायली हमला ऐसे समय हुआ जब हमास की पॉलिटिकल लीडरशिप दोहा में जुटी थी और ट्रंप के समझौते पर सहमति की 'आखिरी चेतावनी' के बाद गाजा में सीजफायर के अमेरिकी प्रस्ताव पर चर्चा कर रही थी. 

शुरू होती ही खत्म लास्ट वॉर्निंग

यह 'लास्ट वॉर्निंग' इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी, यह किसी ने सोचा तक नहीं था. हमास ने कहा, 'हम इस अपराध के लिए अमेरिकी प्रशासन को भी बराबर का ज़िम्मेदार मानते हैं.' हमास का कहना है कि यह हमला न सिर्फ उनकी अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता के लिए झटका था, बल्कि वैश्विक शांति के नेता बनने की स्वघोषित महत्वाकांक्षा पर भी चोट थी.

क़तर ने हमले पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए हमले को लापरवाही और कायरतापूर्ण बताया. क़तर के विदेश मंत्री ने एक कदम आगे बढ़कर इज़रायल के हमले को 'स्टेट टेररिज्म' करार दिया. उन्होंने आगे कहा, 'क़तर बयानों और निंदाओं से आगे बढ़कर इस हमले का जवाब देने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपना रहा है.'

क्या ट्रंप ने कतर को धोखा दिया?

भारत की तरह कतर को भी सहयोगियों के साथ बर्ताव में ट्रंप की अनिश्चितता का एहसास हो गया है. अभी चार महीने पहले ही ट्रंप को कतर यात्रा के दौरान 400 मिलियन डॉलर का एक आलीशान बोइंग 747-8 जेट गिफ्ट में मिला था, जिसे 'उड़ता महल' कहा जा रहा है. यह किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की इस खाड़ी देश की पहली यात्रा थी. ट्रंप ने कतर से 243.5 अरब डॉलर के आर्थिक सौदे भी हासिल किए, जहां मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा, अल उदीद एयर बेस भी स्थित है.

एक 'प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी' क़तर ने अफ़ग़ानिस्तान से हज़ारों अमेरिकी नागरिकों को निकालने में भी मदद की. ट्रंप के बेटे एरिक ने भी कतर में ट्रंप-ब्रांडेड गोल्फ़ कोर्स के लिए एक डील हासिल की है. इसके अलावा, मिडिल ईस्ट में ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों में क़तर एक केंद्रीय भूमिका निभा रहा था. यह खाड़ी देश महीनों से हमास और इज़रायल के बीच सीजफायर और शांति वार्ता में मध्यस्थ और मेज़बान की भूमिका निभा रहा है.

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इसके अलावा, कतर अमेरिका के लिए अहम है क्योंकि उसके ईरान के साथ अच्छे संबंध हैं और अमेरिकी अधिकारी इसे तेहरान के साथ सीक्रेट कम्युनिकेशन के मौके के तौर पर देखते हैं. हालांकि, इन सबका कोई असर नहीं हुआ क्योंकि क़तर पर इज़रायल के 15 लड़ाकू विमानों ने हमला कर दिया.

विडंबना यह है कि यह अमेरिका समर्थित व्यवस्था ही थी जिसने 2012 में हमास को दोहा में अपना राजनीतिक कार्यालय खोलने की इजाजत दी थी. इसके पीछे, अमेरिका की तरफ से फिलिस्तीनी आतंकवादी गुट के साथ इनडायरेक्ट कम्युनिकेशन बनाना मकसद था.

हालांकि, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का खतरनाक दांव नाकाम होता दिख रहा है. हमास ने एक बयान में कहा कि उसके टॉप नेता इज़रायली हमले में बच गए, जबकि पांच सदस्य मारे गए. एक कतरी सुरक्षाकर्मी भी इजरायली हमले में मारा गया है.

Donald Trump with Qatar's Emir

मई में खाड़ी देश की अपनी यात्रा के दौरान कतर के अमीर के साथ ट्रंप (File Photo: (Reuters)

अमेरिका और ट्रंप की पलटी

इसके बाद अमेरिका और ट्रंप की ओर से कंफ्यूज करने वाले संकेत मिलने लगे. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि ट्रंप ने विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को 'तुरंत' निर्देश दिया कि वे कतर को हमले की सूचना दें. उन्होंने इस घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए कहा कि हमास का सफाया 'एक सार्थक लक्ष्य' है.

ट्रंप ने जल्दी से यह भी साफ किया कि जब उन्हें इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने कतर को तुरंत सूचित किया. पत्रकारों से शुरुआती बातचीत में ट्रंप ने कहा, 'यह अच्छी स्थिति नहीं है, जिस तरह से यह हुआ, उससे हम खुश नहीं हैं.'

डोनाल्ड ट्रंप ने बाद में ट्रुथ सोशल पर एक बयान पोस्ट किया जिसमें उन्होंने यह साफ करने का जहमत उठाई कि हमले का फैसला 'मेरा नहीं था.' उन्होंने नेतन्याहू को 'डांट' भी लगाई. ट्रंप ने कहा, 'क़तर, जो एक संप्रभु राष्ट्र और अमेरिका का करीबी सहयोगी है और शांति स्थापित करने के लिए हमारे साथ कड़ी मेहनत और बहादुरी से जोखिम उठा रहा है. उस पर एकतरफ़ा बमबारी करना इज़रायल या अमेरिका के मकसद को आगे नहीं बढ़ाता.'

अब आगे क्या होगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कतर को यह भी भरोसा दिया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा. यहां तक कि नेतन्याहू ने भी तुरंत साफ कर दिया कि यह हमला पूरी तरह से इज़रायली कार्रवाई थी. इसे ट्रंप को कुछ कूटनीतिक सुरक्षा देने की कोशिश के तौर पर देखा गया.

लेकिन अब बाजी पलट चुकी है. ऐसा लगता है कि इस घटना ने अरब देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच धोखे का बीज बो दिया है, क्योंकि उन्होंने सर्वसम्मति से इज़रायली हमले की निंदा की थी. यह क्षेत्र के उन देशों - ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की के बीच एकता का एक दुर्लभ प्रदर्शन था, जो शायद ही कभी एकमत होते हैं.

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इससे सीजफायर के लिए वार्ता भी फिलहाल ठंडे बस्ते में पड़ जाएगी और बाकी इजरायली बंधकों को वापस लाने की कोशिश भी विफल हो जाएगी. सोशल मीडिया पर भी ट्रंप की तरफ से कतर के साथ 'बड़ा धोखा' के बारे में पोस्ट की बाढ़ आ गई.

'अमेरिका ने कतर की पीठ में छुरा घोंपा'

ब्रिटिश-अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन ने ट्वीट किया, 'अमेरिका ने अपने ही दोस्त कतर पर अवैध बमबारी की मंजूरी दे दी है, जहां से ट्रंप ने अभी-अभी एक विमान कुबूल किया है, और जहां एरिक ट्रंप अभी एक गोल्फ कोर्स खोल रहे थे?' लेखक और जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉ. एंड्रियास क्रिग ने भी इशारा किया कि अमेरिका ने कतर की पीठ में छुरा घोंपा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'कतर को इस हमले के बारे में पहले से कोई चेतावनी नहीं दी गई थी. उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि कोई हताहत न हो.'

फिलहाल, कतर और सभी से खाड़ी देशों के साथ ट्रंप को अपनी विश्वसनीयता सुधारने की उतनी ही जरूरत होगी, जितनी शांति के अग्रदूत के रूप में उनकी स्वघोषित भूमिका को पड़ती है.

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