बिहार में मतदाता सूची की खामियों को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है. तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे पर चुनाव आयोग पर निशाना साध रहे हैं. इस बीच चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के एक और दावे को खारिज कर दिया है. दरअसल, तेजस्वी यादव ने शनिवार को पूर्व IAS व्यास जी की पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया था कि पूर्व अधिकारी और उनकी पत्नी का भी वोटर लिस्ट से नाम गायब है.
इस पर अब चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि न तो पूर्व अधिकारी का नाम कटा है और न ही उनकी पत्नी का. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व्यास जी और उनकी पत्नी का नाम 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल है. यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के तहत जारी की गई है.
अधिकारी व्यास जी ने की थी ये पोस्ट
पूर्व अधिकारी ने एक पोस्ट में लिखा, "मित्रों, निर्वाचन आयोग के अनुसार उन्होंने अपनी वेबसाइट पर वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट अपलोड कर दिया है. मैंने अपना और अपनी श्रीमती का नाम चेक करने की उत्सुकता वश कथित ड्राफ्ट डाउनलोड किया. आप अपना EPIC नंबर, जिसे निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेजों की अपनी लिस्ट में शामिल नहीं किया है और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद भी शामिल करने में आनाकानी कर रहा है, निर्धारित खाने में डालकर अपना स्टेटस देख सकते हैं."
उन्होंने आगे लिखा, "हम दोनों ने जब यही कियातो हमें अपने BLO से संपर्क करने को कहा जा रहा है जबकि BLO हमारा गणना प्रपत्र भरकर जरूरी कागजातों का फोटो खींचकर ले गए थे. जब हम पढ़े लिखे रिटायर सरकारी कर्मचारियों की यह हालत ECI कर रहा है तब प्रवासी मजदूरों और कम पढ़े लिखे लोगों की क्या स्थिति होगी? वे अपना नाम ढूंढते रह जाएंगे."
मतदाता सूची पुनरीक्षण में बिहार के पूर्व मुख्य सचिव स्तर के रिटायर्ड IAS अधिकारी व्यास जी ने मतदाता सूची से अकारण नाम काटने पर अपना अनुभव फेसबुक पर सांझा किया। #Bihar pic.twitter.com/SLDxbrF0En
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 2, 2025तेजस्वी यादव का नाम गायब होने पर आयोग ने दी ये प्रतिक्रिया
राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा अपने नाम के ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से गायब होने के दावे पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. आयोग ने इसे "बेसिरपैर का आरोप" करार देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव का नाम बिहार के प्रारूप मतदाता सूची में क्रम संख्या 416 पर स्पष्ट रूप से मौजूद है.
तेजस्वी ने शनिवार को दावा किया था कि विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में उनका नाम गायब है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने फ़ोन को एक बड़ी स्क्रीन से जोड़ा और अपना ईपीआईसी नंबर खोजने की कोशिश की, जिस पर 'कोई रिकॉर्ड नहीं मिला' का परिणाम आया. राजद नेता ने दावा किया कि उनके घर गणना फ़ॉर्म लेकर आए बूथ स्तर के अधिकारी ने उन्हें कोई रसीद नहीं दी. जवाबी हमला करते हुए, चुनाव अधिकारी ने कहा कि शुद्ध मतदाता सूची किसी भी लोकतंत्र की नींव होती है.
चुनाव आयोग ने कहा, "उन्हें अपनी पार्टी के 47,506 बूथ-स्तरीय एजेंटों से कहना चाहिए कि अगर उन्हें लगता है कि किसी पात्र मतदाता का नाम छूट गया है या किसी अपात्र मतदाता का नाम शामिल किया गया है, तो वे दावे और आपत्तियां दर्ज करें."
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