गाजियाबाद में रोशनी के पर्व दिवाली की रात खुशियों के बीच हड़कंप मच गया. पटाखों और आतिशबाजी की चिंगारियों ने कई इलाकों में आग की घटनाओं को जन्म दिया. बीती रात गाजियाबाद शहर में अलग-अलग स्थानों से आग लगने की खबरें लगातार आती रहीं.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि 20 अक्टूबर सुबह 6 बजे से लेकर 21 अक्टूबर सुबह 6 बजे तक फायर सर्विस विभाग को कुल 48 कॉल्स प्राप्त हुईं. इनमें से अधिकांश आगजनी की घटनाएं आतिशबाजी और लापरवाही के कारण हुईं.
इन घटनाओं में फ्लैट और मकानों में 14, दुकानों व शोरूम में 07, वाहनों में 03, फैक्ट्रियों व गोदामों में 05, कूड़े-कबाड़ में 15, मीटर/ट्रांसफार्मर/वॉटर कूलर में 02 तथा अन्य श्रेणियों में 02 कॉल्स प्राप्त हुईं.
दमकल विभाग की टीमों ने सभी घटनास्थलों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाया. कई जगहों पर आग के फैलाव से पहले ही आसपास की इमारतों को सुरक्षित कर लिया गया, जिससे किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि जनपद के 14 प्रमुख स्थानों पर फायर टेंडर पहले से हॉटस्पॉट के रूप में तैनात थे. इससे विभाग को घटनास्थल तक पहुंचने में समय की बचत हुई और प्रतिक्रिया समय (Response Time) में सुधार दर्ज किया गया.
सबसे गंभीर घटनाओं में साहिबाबाद के मोहन नगर स्थित अजंता कंपाउंड की फैक्ट्री में आग, नंदग्राम क्षेत्र में पन्नी के गोदाम में आग और संजय नगर में दुकानों के बाहर खड़ी छह बाइक और स्कूटी जलकर राख हो जाना शामिल रहीं.
दमकल विभाग के अनुसार, इन सभी घटनाओं के पीछे प्रमुख कारण आतिशबाजी और पटाखों की चिंगारी रही. दिवाली की रात लोग बड़े पैमाने पर पटाखों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिनकी चिंगारियां कई जगहों पर आग का कारण बनीं.
फायर सर्विस की टीमों ने पूरी रात मेहनत करते हुए शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगी आग को बुझाया. विभाग ने लोगों से अपील की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए आतिशबाजी सोच-समझकर करें और सुरक्षा नियमों का पालन करें.
सीएफओ राहुल पाल ने कहा- गाजियाबाद फायर सर्विस की सभी टीमों ने तत्परता से काम करते हुए आग पर नियंत्रण पाया. सबसे बड़ी राहत यह है कि किसी भी जगह जनहानि नहीं हुई है.
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