दिवाली के त्योहार देशभर में मनाया गया. साल के सबसे बड़े त्योहार की धूम देश के कोने-कोने में देखने को मिली. आम जनता ही नहीं बॉलीवुड के सितारों के लिए भी दिवाली बहुत मायने रखती है. इतना ही नहीं, इस भव्य त्योहार का इस्तेमाल फिल्ममेकर्स ने अपनी फिल्मों में ट्विस्ट, कॉमेडी और अन्य चीजों में किया है. आइए आपको इसके बारे में बताएं.
अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, काजोल और जया बच्चन की मल्टी स्टारर फिल्म 'कभी खूशी कभी गम' में बॉलीवुड के इतिहास के सबसे फेमस दीवाली सीक्वेंस को दिखाया गया था. एक सीन वो था जिसमें शाहरुख खान का किरदार राहुल सालों के वनवास के बाद घर लौटता है. उसकी मां (जया बच्चन) लक्ष्मी पूजा के दौरान उसकी वापसी को महसूस करती है, जिससे एक इमोशनल पल बनता है. परिवार के दोबारा मिलने का ये सीन बहुत प्यारा था.
संजय दत्त की फिल्म 'वास्तव' एक गैंगस्टर ड्रामा थी. इस में दीवाली एक दुखद पुनर्मिलन का मंच बनती है. सोने से लदा शक्तिशाली गैंगस्टर रघु (संजय दत्त) दीवाली पर अपनी मां से मिलने परिवार के पास लौटता है. इसमें आप देखते हैं कि उसका अपराधी जीवन उसके पारिवारिक रिश्तों को कैसे नष्ट कर चुका है. यहीं आपको संजय का फेमस डायलॉग '50 तोला' सुनने को मिलता है.
आमिर खान और दर्शील सफारी स्टारर फिल्म 'तारे जमीन पर' ने अच्छे अच्छों को रुलाया है. इसके एक सीन में जब बाकी लोग दीवाली मना रहे होते हैं, तब ईशान अकेला बैठा नजर आता है. डिस्लेक्सिया से पीड़ित ईशान के परिवार ने उसका एडमिशन बोर्डिंग स्कूल में कराया होता है, जहां वापस जाने से उसे डर लगता है. ऐसे में डरा-सहमा कोने में बैठा होता है और बाद में कहता है कि वो वापस नहीं जाएगा. ये सीन बेहद दर्द देने वाला था.
डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने अपनी फिल्म 'गोलमाल 3' में दीवाली थीम सीन को मजाकिया अंदाज में दिखाया था. फिल्म में जॉनी लीवर के किरदार को भूलने की बीमारी होती है, जिसके चलते वो कभी होली की बधाई देता है तो कभी ऊट पटांग बातें करता है. बाद में वो एक ढेर सारे पटाखों के साथ उलझकर गड़बड़ कर देता है, जिससे ब्लास्ट का शोर मच जाता है. ये सीन हर साल दिवाली पर वायरल होता है.
शाहरुख खान की फिल्म 'मोहब्बतें' का दीवाली सॉन्ग 'पैरों में बंधन है' कौन भूल सकता है. जिसमें शानदार सीक्वेंस, रोशन सेट और जबरदस्त डांस देखने को मिला था. सख्त गुरुकुल में दीवाली के सेलिब्रेशन के दौरान यंग कपल और प्रोफेसर राज आर्यन (शाहरुख खान) दमदार डांस कर रहे होते हैं कि तभी उन्हें हेडमास्टर (अमिताभ बच्चन) देख लेते हैं. यहीं से फिल्म में जबरदस्त ट्विस्ट आता है और अमिताभ को शाहरुख की सच्चाई का पता चलता है.
आइकॉनिक फिल्म 'चाची 420' में एक पारिवारिक दीवाली पार्टी के दौरान नैनी के भेष में कमल हासन का किरदार अपनी बेटी को पटाखों की दुर्घटना से बचाता है. यह कॉमेडी सीन फिल्म में एक मजेदार और दिल को छू लेने वाला पल जोड़ता है.
1973 में आई क्लासिक क्राइम फिल्म 'जंजीर' में दीवाली सबसे महत्वपूर्ण क्षणों की पृष्ठभूमि है. कहानी दीवाली की रात से शुरू होती है, जब यंग विजय (अमिताभ बच्चन) अपने माता-पिता की हत्या का गवाह बनता है. फिल्म के क्लाइमैक्स में सालों बाद विजय अपने माता-पिता के हत्यारे को न्याय के कटघरे में लाता है, तब भी दीवाली का दिन होता है.