मोहर्रम से पहले उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए ताजियेदारों और मुस्लिम समुदाय के वॉलंटियर्स के साथ बैठक की. इसमें नाबालिग बच्चों को जुलूस में ढोल न बजाने, आपत्तिजनक नारे न लगाने और दूसरे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाने की सख्त हिदायतें दी गईं. पुलिस अधिकारियों ने चेताया कि उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई होगी, जिससे भविष्य में पासपोर्ट या हज यात्रा जैसी प्रक्रियाओं में भी रुकावट आ सकती है.
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संभल में लोगों के साथ बैठक करते पुलिस अधिकारी. (Screengrab)
मोहर्रम से पहले उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है. किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक तनाव या कानून-व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए पुलिस ने ताजियेदारों और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए. इस दौरान खासतौर पर नाबालिग बच्चों को ढोल बजाकर ताजिया जुलूस में शामिल न करने की सख्त हिदायत दी गई.
बैठक के दौरान पुलिस अधिकारियों का कहना था कि बच्चे अक्सर बिना समझ के ढोल बजाते हैं और कई बार गलती से ऐसे स्थानों के सामने भी बजा देते हैं, जो दूसरे समुदाय के लिए संवेदनशील माने जाते हैं, जिससे विवाद की आशंका बढ़ जाती है. पुलिस ने साफ किया कि किसी पूजा स्थल या दूसरे समुदाय के घर के सामने ढोल-नगाड़े बजाना पूरी तरह वर्जित रहेगा. इसके साथ ही जुलूस के दौरान ऐसे नारे या टिप्पणियां करने से भी मना किया गया, जो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हों.
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बैठक में अफसरों ने यह भी बताया कि यदि किसी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होता है तो उसे भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जैसे हज यात्रा में दिक्कत, पासपोर्ट बनवाने में अड़चन, आदि. इसलिए लोगों को सतर्क रहकर नियमों का पालन करना चाहिए.
CO असमोली कुलदीप सिंह और एडिशनल एसपी राजेश श्रीवास्तव ने सभी समुदायों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि शहर में सीसीटीवी कैमरे और फोर्स की निगरानी रहेगी. हमारा मकसद है कि मोहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से निकले.