नामी कॉलेजों में दाखिले की होड़ और सीमित सीटों का दबाव अक्सर लोगों को शॉर्टकट तलाशने पर मजबूर कर देता है. इसी कमजोरी का फायदा उठाकर ठगों का गिरोह सक्रिय हो जाता है, जो कॉलेज एडमिशन के नाम पर लोगों से मोटी रकम ऐंठने का धंधा चला रहा था.
X
गाजियाबाद में फेक एडमिशन रैकेट चलाने वाले दो लोगों ने करोड़ों की कमाई कर ली थी. (Photo: PTI)
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में द्वारका जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो एडमिशन के नाम पर ठगी करता था. ये लोग मेडिकल से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेजों में मनचाहा स्ट्रीम दिलवाने का वादा करते थे और बदले में बड़ी रकम ऐंठ लिया करते थे.
पुलिस ने इस बड़े रैकेट के दो आरोपियों को गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम से गिरफ्तार किया है. पकड़ में आए आरोपियों के नाम कुशाग्र श्रीवास्तव और चिन्मय सिन्हा है. 35 साल का कुशाग्र बी टेक पास है जबकि 32 साल का चिन्मय कॉमर्स से ग्रेड्यूट है. पुलिस ने इनके पास से 6 महंगे मोबाइल, लैपटॉप और 1 करोड़ 34 लाख कैश भी बरामद किया है.
कैसे करते थे ठगी?
आरोपी 12वीं पास छात्रों के माता-पिता को sms भेजते और नामी कॉलेजों में मैनजेमेंट कोटे से दाखिला दिलाने का झांसा देते थे. खुद को बड़े कॉलेजों और यूनिवर्सिटी का एडमिशन कंसल्टेंट बताकर लाखों रुपये वसूलते और फिर दफ्तर बंद कर फरार हो जाते.
महिला हेड कॉन्स्टेबल बनीं शिकार
इस मामले की शिकायत एक महिला हेड कांस्टेबल ने दर्ज कराई थी. उन्हें एक SMS मिला जिसमें बेटे का आईपी यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट कोटा से एडमिशन दिलाने का दावा किया गया था. SMS में दिए नंबर पर कॉल करने पर उनकी बात एक महिला से हुई और फिर उन्हें नेहरू प्लेस स्थित भंडारी हाउस ऑफिस बुलाया गया. ठगों ने एक कॉलेज में दाखिले के लिए साढ़े तीन लाख की डील फाइनल की. महिला कॉन्स्टेबल ने 29 जुलाई को 2 लाख 30 हजार अदा कर दिए, लेकिन पैसे मिलते ही ठगों ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए और ऑफिस खाली कर भाग गए.
31 शिकायतें पहले से दर्ज
जांच के दौरान पता चला कि इस गिरोह के खिलाफ पहले ही 31 शिकायत दर्ज हो चुकी हैं, जिन्हें बाद में EOW को ट्रांसफर कर दिया गया था. साइबर पुलिस ने डिजिटल फुटप्रिंट, मनी ट्रेल और टेक्निकल जांच के जरिए दोनों आरोपियों को पकड़ लिया. दोनों आरोपी गाजियाबाद के इंदिरापुरम के रहने वाले हैं. पुलिस इनके नेटवर्क की जांच कर रही है. बरामद रकम की जानकारी आयकर विभाग को भी दे दी गई है.
---- समाप्त ----