इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं. इस दौरान गाजा को लेकर सीजफायर पर सहमति बन सकती है.
पिछले महीने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद नेतन्याहू का व्हाइट हाउस का यह पहला दौरा होगा. ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि इजरायल ने गाजा में 60 दिनों के सीजफायर पर सहमति जताई है. साथ ही उन्होंने हमास को भी चेतावनी दी कि वे इस सीजफायर को स्वीकार कर ले.
क्या है नया सीजफायर प्लान?
सीजफायर प्रस्ताव के मुताबिक, 60 दिनों के इस सीजफायर की शुरुआत में हमास आठ जिंदा बंधकों को रिहा करेगा जबकि सीजफायर के 50वें दिन वह दो औ बंधकों को रिहा करेगा. वहीं, इजरायल भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा.
हमास की ओर से प्रस्ताव को पूरी तरह स्वीकार करने पर अनिश्चितता बनी हुई है. ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर हमास समझौते को अस्वीकार करता है, तो स्थिति और बिगड़ सकती है.
इजरायल के वार्ताकार हमास के साथ सीजफायर पर वार्ता के लिए रविवार को कतर गए थे. यह डील इस साल की शुरुआत में इजरायल और अमेरिका की ओर से प्रस्तावित डील की तरह ही हो सकती है. इजरायल और हमास के बीच जनवरी में सीजफायर पर सहमति बनी थी.
नेतन्याहू-ट्रंप की चर्चा में ईरान भी होगा हॉट टॉपिक
इजरायली पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति की इस बातचीत के दौरान ईरान के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है. दोनों नेता ईरान के प्रति सख्त रुख रखते हैं और पहले भी संयुक्त सैन्य कार्रवाइयों में सहयोग कर चुके हैं. हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्जो, नतांज और इस्फहान पर हमले के बाद यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो गया है.
इस मुलाकात में दोनों नेता ईरान के खिलाफ सख्त नीति को जारी रखने या बातचीत के रास्ते तलाशने पर विचार कर सकते हैं. ट्रंप ने पहले ईरान के साथ बातचीत की अपील की थी, लेकिन ईरान ने शुरू में सीजफायर को नकार दिया था.
बता दें कि यह मुलाकात ट्रंप के लिए मिडिल ईस्ट में शांति स्थापना की छवि को मजबूत करने का अवसर है. नेतन्याहू ने ट्रंप को इजरायल का करीबी दोस्त बताया है और ईरान के खिलाफ सहयोग की सराहना की है. इस मुलाकात में वह इजरायल की सुरक्षा और गाजा में हमास के प्रभाव को समाप्त करने पर जोर दे सकते हैं.
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