नेपाल में Gen Z आंदोलन के बाद से ही हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. आंदोलनकारियों ने संसद भवन और राष्ट्रपति के आवास के साथ ही न्यायालयों को भी आग के हवाले कर दिया. आंदोलन इतना उग्र हुआ कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को कुर्सी छोड़नी पड़ी. प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद भी आंदोलन थमता नहीं नजर आ रहा.
आंदोलनकारियों के निशाने पर नेता हैं और अब राजनीतिक दलों से सांसदों के सामूहिक इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. नेपाल की तीन पार्टियों के सांसद सामूहिक इस्तीफा दे चुके हैं. बुधवार को नेपाल की नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के सांसदों ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के सांसदों ने अपने इस्तीफे में संसद भंग करने की मांग की है. नागरिक उन्मुक्ति पार्टी नेपाल की ऐसी तीसरी पार्टी है, जिसके सांसदों ने सामूहिक इस्तीफा दिया है. इससे पहले राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सांसदों ने भी सामूहिक रूप से संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14 सांसद थे.
नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के नेपाल की संसद में चार सांसद थे. ओली सरकार में शामिल रही जनता समाजवादी पार्टी और जनमत पार्टी के सांसदों के सामूहिक इस्तीफे की भी चर्चा है. हालांकि, इन दोनों ही पार्टियों की ओर से इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
जनता समाजवादी पार्टी के सात और जनमत पार्टी के छह सदस्य नेपाल की संसद में हैं. कहा जा रहा है कि यह दोनों दल भी सामूहिक इस्तीफे पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे हैं. दोनों दलों के सांसदों की बैठक होनी है. इस बैठक में Gen Z प्रोटेस्ट और उसके बाद बने हालात पर चर्चा होनी है.
इस बैठक में सामूहिक इस्तीफे पर चर्चा के बाद फैसला लिए जाने की बात कही जा रही है. दोनों दलों की ओर से जल्द ही इस संबंध में ऐलान किए जाने की संभावना है. दरअसल, आंदोलनकारियों के निशाने पर ओली सरकार के मंत्रियों के साथ ही उन दलों के सांसद और नेता भी हैं, जो सरकार में शामिल रहे.
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