नेपाल में आगजनी-हिंसा के बीच मनीषा कोइराला को याद आए दादा बीपी कोइराला, दिया खास मैसेज

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नेपाल में जेन जी की क्रांति ने विकराल रूप ले लिया है. सोमवार, 8 सितंबर को नेपाल सरकार ने अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाया था. इसके खिलाफ युवाओं ने प्रदर्शन शुरू किया, जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया. अब नेपाल में हालात बिगड़े हुए हैं. राजधानी काठमांडू समेत कई इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव की घटनाएं सामने आ रही हैं. इस बीच पुलिस की सख्ती में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए.

मनीषा ने शेयर की इमोशनल पोस्ट

नेपाल में लगातार हो रही हिंसा पर देशभर की जनता के साथ-साथ बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला की नजर भी बनी हुई है. मनीषा ने 8 सितंबर को नेपाल में सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवाओं के सहयोग में इमोशनल पोस्ट शेयर की थी. अब उन्होंने नेपाल के पहले प्रधानमंत्री रहे बीपी कोइराला को याद किया है.

उन्होंने लिखा, 'नेपाल के पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री और प्रेम, संघर्ष और लचीलेपन को स्वर देने वाले लेखक बी.पी. बा को उनके जन्मदिन पर याद कर रही हूं. आज जब छात्र भ्रष्टाचार के विरुद्ध और स्वतंत्रता के लिए उठ खड़े हुए हैं, तो उनके शब्द कालजयी लगते हैं. 'लोकतंत्र अविभाज्य है, यदि आप अपने देश में लोकतंत्र चाहते हैं, तो आप इसके लिए सभी संघर्षों की उपेक्षा नहीं कर सकते' - बी.पी. कोइराला.'

बीपी कोइराला, एक्ट्रेस मनीषा कोइराला के दादा थे. मनीषा, बीपी के बेटे प्रकाश कोइराला की बेटी हैं. ऐसे में एक्ट्रेस की पोस्ट के कमेंट सेक्शन में लोग उनसे नेपाल के लिए आवाज उठाने का आग्रह कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'नेपाल के बारे में बात कीजिए मैडम. अपने कनेक्शन का इस्तेमाल कीजिए. अपने देश के लिए आवाज उठाइए. 2 पोस्ट शेयर करने से कुछ नहीं होगा.' दूसरे ने लिखा, 'नेपाल के प्रधानमंत्री की पोती होने के नाते आपको भी गलत के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.'

इससे पहले मनीषा कोइराला ने इंस्टाग्राम पर खून से लथपथ जूते की एक फोटो शेयर की थी. साथ ही देश को झकझोरने वाले संकट पर एक तीखा मैसेज भी दिया था. एक्ट्रेस ने नेपाली भाषा में लिखा था कि नेपाल का आज का दिन काला दिन है. जब भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते युवाओं की मांग का जवाब सरकार गोलियों से दे रही है.

नेपाल के प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा

नेपाल की ओली सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ट्विटर(X) समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया था. सरकार ने ये कदम इन कंपनियों द्वारा नेपाल के कंपनी लॉ के तहत देश में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के कारण उठाया था. पीएम ओली की सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और नियमन का मामला बताया. हालांकि जेन जी यानी 18 से 28 साल के युवा इस फैसले के बदले सड़कों पर उतर आए और हिंसा भड़क गई. नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्रदर्शन हिंसक हो गया.

प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों का पीछा किया और उन पर पथराव किया. हालात को काबू में करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी के नेता रघुवीर महासेठ और माओवादी अध्यक्ष प्रचंड के घरों पर भी हमला हुआ. साथ ही संसद भवन को भी घेरा और उसमें आग लगा दी. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया है. ये विरोध प्रदर्शन कथित भ्रष्टाचार और सरकार की नीतियों के खिलाफ जारी है.

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