नेपाल में बवाल के बीच बॉर्डर पर सुरक्षा टाइट... SSB ने तैनात किए अतिरिक्त जवान और सर्विलांस

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नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है. सूत्रों के अनुसार SSB (सशस्त्र सीमा बल) ने सीमा पर अतिरिक्त ट्रूप्स और सर्विलांस तैनात किए हैं. भारत-नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा SSB के जिम्मे है और हालात को देखते हुए निगरानी और भी कड़ी कर दी गई है. नेपाल में हाल के दिनों में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

खासतौर पर Gen-Z के युवा इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. यह विरोध पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक सीमित था, लेकिन अब सड़कों पर उतर आया है. सोमवार सुबह 9 बजे से ही राजधानी काठमांडू के मैतीघर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने जमा होकर सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की. इस बीच सेना नेपाल सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया है, और सड़क पर आर्मी को तैनात कर दिया है.

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प्रदर्शन का आयोजन 'हामी नेपाल' समूह ने किया था, जिसे पहले ही काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय से मंजूरी मिल चुकी थी. समूह के चेयरपर्सन सुधन गुरूंग ने कहा कि यह विरोध सरकार की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार के खिलाफ है और देशभर में ऐसे प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं.

आयोजक सोशल मीडिया का उपयोग रूट और सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा करने के लिए कर रहे हैं और छात्रों से कहा गया है कि वे यूनिफॉर्म में किताबों के साथ इन प्रदर्शनों में शामिल हों. 

नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर क्यों लगाया बैन?

नेपाल सरकार ने हाल ही में डायरेक्टिव्स फॉर मैनेजिंग द यूज ऑफ सोशल नेटवर्क्स 2023 के तहत उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगा दी है जो निर्धारित समय सीमा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए.

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बुधवार रात समय सीमा खत्म हो गई, लेकिन फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, एक्स (पूर्व में ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसी बड़ी कंपनियों ने आवेदन नहीं किया. इसके उलट चीनी कंपनी टिकटॉक, वाइबर, विटक, निंबज और पोपो लाइव पहले ही सूचीबद्ध हो चुके हैं, जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी ने आवेदन किया है और स्वीकृति की प्रतीक्षा में हैं.

नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

यह कदम नेपाल सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि घरेलू और विदेशी सभी ऑनलाइन और सोशल प्लेटफॉर्म्स का आधिकारिक पंजीकरण जरूरी है ताकि अनचाहे कंटेंट पर निगरानी रखी जा सके. मंत्रालय ने कंपनियों को 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया था. इन हालातों ने नेपाल की सड़कों पर गुस्से का माहौल खड़ा कर दिया है और भारत ने सावधानी बरतते हुए अपनी सीमा सुरक्षा और चौकसी को और मज़बूत कर दिया है.

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