नोएडा में यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी भर गया है. सेक्टर-128 असगरपुर की गुलाब की खेती डूब गई, जबकि किसानों की झोपड़ियों में पानी घुस गया. वहीं सेक्टर-167 के फॉर्म हाउस जलमग्न हो गए. यहां फंसे 15-16 लोगों और मवेशियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. सिंचाई विभाग ने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन प्रशासन अलर्ट पर है.
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रातोंरात डूबा सेक्टर-128 और 167 का इलाका (Photo:ITG)
हथनी कुंड बैराज से करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली के साथ-साथ नोएडा में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से नोएडा के निचले और पुस्ता क्षेत्रों में पानी भरना शुरू हो गया है. देर रात अचानक पानी बढ़ने से कई जगह हालात बिगड़ गए और लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया.
जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-128 असगरपुर के निचले इलाके में गुलाब की खेती पूरी तरह जलमग्न हो गई. खेती के साथ-साथ किसानों की झोपड़ियों में भी पानी भर गया. इसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर किसानों और उनके परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा. इसी तरह, सेक्टर-167 स्थित छपरौली और मंगरौली गांव में बने कई फॉर्म हाउस भी पानी में डूब गए.
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यहां रह रहे 15 से 16 लोगों को प्रशासन ने इवेक्वेट कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया. बताया गया कि पानी बढ़ने के बाद पहले ही ऐलान कर दिया गया था, जिसके चलते सभी मवेशियों को बाहर निकाल लिया गया. हालांकि कुछ लोगों का सामान फॉर्म हाउस में ही फंसा रह गया, जिसे वे तैरकर बाहर निकालते नजर आए.
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फार्म हाउस में फंसे लोगों ने बातचीत में बताया कि अचानक जलस्तर बढ़ने से वे अंदर ही फंस गए थे, लेकिन प्रशासन की तत्परता से सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया. अब वे धीरे-धीरे अपना सामान भी निकाल रहे हैं. इस बीच, गौतमबुद्ध नगर सिंचाई विभाग के एसडीओ पवन कुमार सारस्वत ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि 2023 में भी इसी तरह पानी बढ़ा था. फिलहाल खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं है, हालांकि प्रशासन अलर्ट पर है और लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है.
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