अजरबैजान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के लिए चीन ने उनके आवेदन के पक्ष में समर्थन दोहराया जबकि भारत ने इसका विरोध किया. रिपोर्ट में भारत के रुख को शंघाई भावना के खिलाफ बताया गया.
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एससीओ संगठन की सदस्यता को लेकर अजरबैजान का भारत पर आरोप (Photo: Reuters)
चीन के तियानजिन में दो दिनों तक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का आयोजन किया गया. चीन ने इसे एससीओ के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा समिट बताया. इस संगठन में भारत, पाकिस्तान और रूस सहित 10 सदस्य हैं. अजरबैजान ने इस संगठन का पूर्ण सदस्य बनने की इच्छा जताई है. लेकिन अब अजरबैजान ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है.
अजरबैजान मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत ने एससीओ में अजरबैजान की पूर्ण सदस्यता की राह में रोड़ा अटका दिया है. दावे किए जा रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान से अजरबैजान के रिश्तों की वजह से एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के उनके आवेदन को रोक दिया है.
दरअसल अजरबैजान, पाकिस्तान का अहम साझेदार दोस्त है. पाकिस्तान ने अजरबैजान के नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र पर अर्मेनिया के कब्जे के खिलाफ उसका समर्थन किया और अर्मेनिया को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नहीं दी. इसके बदले में अजरबैजान ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है. भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव की स्थिति में भी अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था.
बता दें कि SCO में कुल 10 पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल है. जबकि तुर्किये, श्रीलंका, कंबोडिया और म्यांमार समेत 14 देश डायलॉग पार्टनर हैं. चीन के तियानजिन में हुए SCO शिखर सम्मेलन में अजरबैजान डायलॉग पार्टनर के रूप में शामिल हुआ था.
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