गुजरात के वडोदरा में मुजपुर-गंभीरा पुल पर 9 जुलाई को हुए दर्दनाक हादसे को 25 दिन बीत चुके हैं. इस हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई थी और तब से एक टैंकर पुल के टूटे हुए ढांचे पर लटका हुआ है.
हादसे के इतने दिनों बाद भी टैंकर को वहां से हटाया नहीं जा सका है. अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देश पर टैंकर हटाने के लिए अत्याधुनिक ‘बैलून तकनीक’ का सहारा लिया जाएगा. गंभीरा ब्रिज पर लटके टैंकर को हटाने का कार्य जल्द ही विशेषज्ञों की देखरेख में शुरू किया जाएगा.
टूटे पुल से कैसे हटेगा टैंकर
इस प्रक्रिया में भारी मशीनरी का उपयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि पुल की संरचना बेहद कमजोर हो चुकी है. एमएस यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर डॉ. निकुल पटेल ने बताया कि बैलून तकनीक के तहत प्रोपेन गैस से भरे बैलून की मदद से टैंकर को हवा में उठाकर स्थिर किया जाएगा और फिर सुरक्षित हटाया जाएगा.
उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक में आर्किमिडिज प्रिंसिपल और बायो-एंड फोर्स का वैज्ञानिक उपयोग किया जाएगा. इस ऑपरेशन की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाएगी ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके.
इस कंपनी को मिली जिम्मेदारी
वडोदरा प्रशासन ने बताया कि पोरबंदर की विश्वकर्मा ग्रुप की मरीन इमरजेंसी रिस्पांस कंपनी को टैंकर हटाने का जिम्मा सौंपा गया है. यह कंपनी देश की एकमात्र मरीन रेस्क्यू एजेंसी है और सरकार के मार्गदर्शन में यह कार्य कर रही है.
जिला कलेक्टर प्रवीण चौधरी ने जानकारी दी कि अगले 4 से 5 दिनों में सर्वे और रीडिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद 7 दिनों के भीतर टैंकर को बैलून तकनीक से हटाया जाएगा. इस ऑपरेशन को लेकर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई हैं.
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