‘ पूरी जांच से पहले कैप्टन को दोष देना बिल्कुल गलत...’ एअर इंडिया हादसे पर WSJ की रिपोर्ट से भड़की पायलट यूनियन

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एअर इंडिया विमान हादस के मामले में अमेरिकी जांच रिपोर्ट आने के बाद विवाद तेज हो गया है. एक पायलट संगठन ने पायलट को दोषी ठहराने को 'जल्दबाज़ी और गैर-जिम्मेदाराना' करार दिया है.

यह बयान तब सामने आया है जब एक नई अमेरिकी रिपोर्ट में कॉकपिट रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि कैप्टन ने इंजनों में फ्यूल की सप्लाई को बंद कर दिया था, जिसकी वजह से हादसा हुआ.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से यह जानकारी मिली कि उड़ान के दौरान कैप्टन ने इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद कर दिए थे, जिससे विमान ने काम करना बंद कर दिया और गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई.

पायलट संगठन ने किया विरोध

इस रिपोर्ट के सामने आते ही भारतीय पायलट संगठन 'फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स' (FIP) ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए रिपोर्ट की भाषा, निष्कर्ष और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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FIP के अध्यक्ष कैप्टन सी.एस. रंधावा के नाम से जारी इस बयान में कहा गया है, “हम पायलट प्रतिनिधियों को जांच प्रक्रिया से बाहर रखने को लेकर गंभीर असंतोष व्यक्त करते हैं. जो प्रारंभिक रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है, वह न तो पूरी है और न ही निष्पक्ष. इसमें केवल चुनिंदा कॉकपिट ऑडियो को तोड़-मरोड़कर पायलट की पेशेवर क्षमता और नीयत पर सवाल उठाए गए हैं, जो पूरी तरह अनुचित है.”

FIP ने कहा है कि पूर्ण, पारदर्शी और डेटा-आधारित जांच से पहले किसी पर दोष मढ़ना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि इससे मृतक पायलटों के परिवार और सहकर्मियों को गहरा आघात पहुंचता है. FIP ने मीडिया और अन्य संबंधित संस्थाओं से अपील की है कि वे "आंशिक तथ्यों" पर आधारित नैरेटिव से बचें और निष्पक्षता की प्रक्रिया का सम्मान करें.

आपको बता दें कि अहमदाबाद में एअर इंडिया का जो विमान हादसे का शिकार हुआ उसकी कमान 56 वर्षीय पायल सुमित सब्बरवाल और क्लाइव कुंदर के हाथों में थी. सुमित के पास कुल 15,638 घंटों का उड़ान अनुभव था. वहीं विमान के को-पायलट 32 वर्षीय क्लाइव कुंदर के पास कुल 3,403 घंटों का उड़ान अनुभव था.

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