बच्चों के स्वास्थ्य के लिए UK उठाएगा कड़ा कदम, जंक फूड विज्ञापनों पर लगेगा बैन

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आज कल के बच्चे पौष्टिक और स्वादिष्ट खाना खाने की बजाय जंक फूड खाना पसंद करते हैं. उनकी लिस्ट में पिज्जा..बर्गर से लेकर चॉकलेट्स..कोल्ड्रिंक्स तक शामिल होती हैं. जब भी माता-पिता उन्हें फल-सब्जियां या पौष्टिक आहार खिलाने की कोशिश करते हैं तो बच्चे अपने कदम पीछे खींच लेते हैं. यहां तक कि वे कभी-कभी पौष्टिक खाने का नाम सुनकर भी नाक-मुंह सकोड़ने लगते हैं. भारत समेत विदेशों तक के बच्चों का हाल यही है. 

विज्ञापन हैं जिम्मेदार?

कहीं ना कहीं बच्चों के इस रवैये का जिम्मेदार विज्ञापनों को माना जा रहा है. दरअसल, विज्ञापनों में जंक फूड्स को प्रचारित किया जा रहा है और बच्चों को खुशी से खाते दिखाया जाता है, जिसका असर आम बच्चों पर पड़ता है. इन विज्ञापनों को देखकर बच्चे अपने माता-पिता से जंक फूड खाने की जिद करते हैं.  

विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाएगा UK

अब यूनाइटेड किंगडम/ब्रिटेन (UK) ने अपनी आने वाली पीढ़ी की सेहत को ध्यान में रखते हुए जंक फूड्स के विज्ञापनों को लेकर कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. UK सरकार ने जंक फूड्स के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.  अब सवाल उठता है कि क्या भारत को भी ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए? चलिए जानते हैं.

क्या बोले UK के हेल्थ मिनिस्टर?

यूनाइटेड किंगडम के स्वास्थ्य मंत्री एंड्रयू ग्वेने ने जानकारी दी है कि जंक फूड विज्ञापनों को जल्द ही जुआ, शराब और कंडोम के साथ-साथ प्रतिबंधित कंटेंट की लिस्ट में डाला जाएगा. 

एक पब्लिक हेल्थ इनिटिएटिव के रूप में, बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए जंक फूड्स के विज्ञापनों को प्रतिबंधित करने का कदम उठाया गया है. बच्चे अक्सर पिज्जा, बर्गर और चिप्स जैसे जंक फूड्स का विज्ञापन देख आकर्षित होते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार लाने और UK की फ्री-एट-प्वाइंट-ऑफ-यूज स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) पर दबाव कम करने के लिए यह कदम उठाया है. बता दें, NHS गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है.

ग्वेने ने साफ किया कि यह पहल बीमारियों की रोकथाम के लिए की गई है. उन्होंने संसद में कहा, "कई चुनौतियों में से एक बचपन में मोटापे का संकट है, जो बच्चों को अस्वस्थ्य जीवनशैली की ओर ले जाता है और NHS पर और बोझ डालता है।"

भारतीय बच्चों के लिए भी खतरा है जंक फूड? 

खाने के मामले में भारतीय बच्चों के नखरे भी बढ़ते जा रहे हैं. माता-पिता परेशान हैं कि वह अपना लंचबॉक्स खाली लेकर लौटते हैं. भारतीय बच्चों ने भी जंक फूड को अपना खाना बना लिया है.  वे पौष्टिक आहार खाना बहुत कम पसंद करते हैं. ऐसे में माता-पिता को रोज ऐसी रेसिपी की तलाश रहती है, जिसके जरिए उनके बच्चे के आहार में वे पौष्टिकता शामिल कर सकें. दरअसल, भारतीय बच्चों में भी बचपन से ही मोटापे की समस्या देखने को मिल रही है, जो आगे जाकर बहुत सी बीमारियों का कारण बन सकता है.         

जंक फूड क्यों होता है अनहेल्दी?

'जंक फूड' वह भोजन है, जिसमें फैट बहुत ज्यादा मात्रा में होता. इसके साथ ही इसमें नमक और चीनी भी काफी होती है. जहां इसमें ऐसे अनहेल्दी चीजों की भरमार देखने को मिलती है, वहीं जंक फूड में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों की कमी होती है.
 

'जंक फूड' खाने से हो सकती हैं ये बीमारियां

हृदय संबंधी समस्याएं- जंक फूड खाने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.

हाई कोलेस्ट्रॉल- सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर आहार लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल, या बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है.

डायबिटीज- बहुत से अध्ययनों से पता चला है कि जंक फूड बहुत से तरीकों से डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है.

किडनी डैमेज- जंक फूड खाने से बच्चों से लेकर बड़ों तक की किडनी डैमेज हो सकती है.

मोटापा- जंक फूड जैसे एनर्जी-डेंस और पोषक तत्वों की कमी वाले खाद्य पदार्थ खाने से मोटापा बढ़ने जोखिम बढ़ जाता है. 

लिवर की बीमारी- जंक फूड खाने से लिवर संबंधी बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है.

इन सबके अलावा जंक फूड कैंसर, दातों की समस्या, डिप्रेशन और त्वचा संबंधी दिक्कतों का कारण भी बनता है.

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