दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है. आरोपी पर इस साल अप्रैल में पंजाब के बटाला स्थित किला लाल सिंह पुलिस थाने पर हुए ग्रेनेड हमले में शामिल होने का आरोप है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से यह गिरफ्तारी बेहद अहम मानी जा रही है.
गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान 22 वर्षीय करणबीर उर्फ करण के रूप में हुई है, जो पंजाब के अमृतसर जिले के चनानके गांव का निवासी है. उसे 26 जुलाई को गुरदासपुर से गिरफ्तार किया गया. करणबीर के खिलाफ दिल्ली स्पेशल सेल थाने में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज है. पुलिस पूछताछ के दौरान उसने पंजाब में हुए ग्रेनेड हमले में अपनी संलिप्तता भी स्वीकार की है.
स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने बताया कि यह वही मामला है जिसकी जांच फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है. 7 अप्रैल को बटाला के किला लाल सिंह थाने पर ग्रेनेड से हमला किया गया था, जिसे बीकेआई के आतंकियों ने अंजाम दिया. इस केस में सुराग उस समय मिले जब 22 जुलाई को मध्य प्रदेश के इंदौर से एक अन्य आरोपी आकाशदीप उर्फ बज को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस पूछताछ में आकाशदीप ने ग्रेनेड हमले में अपनी भूमिका कबूल की और सोशल मीडिया के जरिए बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े अन्य नामों का भी खुलासा किया. इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाला एक सोशल मीडिया पोस्ट सामने आया था, जिसे बीकेआई से जुड़े संदिग्ध हैप्पी पासिया, मन्नू अगवान और गोपी नवांशहरिया ने शेयर किया था. इन्हीं सुरागों के आधार पर पुलिस करणबीर तक पहुंची.
करणबीर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह सोशल मीडिया के जरिए विदेश में बैठे बीकेआई के एक हैंडलर के संपर्क में था. उसे आतंकवादी गतिविधियों के निर्देश मिल रहे थे. ग्रेनेड अटैक के बदले में उसको विदेशी फंडिंग भी दी गई थी. उसने यह भी स्वीकार किया कि हमले से कुछ दिन पहले उसने अपने घर में दो संदिग्धों को शरण दी थी.
पुलिस के मुताबिक, करणबीर का भाई गुरसेवक भी इस आतंकी साजिश में शामिल था, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क के विस्तार और सक्रियता की गहराई से पड़ताल कर रही हैं. यह भी जांच की जा रही है कि बीकेआई के मॉड्यूल दिल्ली, पंजाब और अन्य राज्यों में किस हद तक फैले हुए हैं.
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