बस एक सेकंड में बची जान... नैनीताल में कार पर गिरा बड़े पहाड़ का टुकड़ा, Video

6 days ago 1

हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग पर एक ऐसी घटना घटी जिसने यात्रियों की सांसें थाम दीं. लगातार हो रही बारिश के बीच अचानक पहाड़ी का हिस्सा (बड़ा सा बोल्डर) नीचे जा रही कार के बोनट पर आ गिरा. चंद सेकंड का फर्क था, वरना कार में सवार यात्रियों की जान जा सकती थी. कार क्षतिग्रस्त हुई, लेकिन यात्रियों के सुरक्षित बच जाने से सबने राहत की सांस ली गई. 

नदी-नाले उफान पर, गौला नदी खतरे से ऊपर

पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पहाड़ों को खौफनाक बना दिया है. हल्द्वानी की गौला नदी का जलस्तर 55,000 क्यूसेक तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है. सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. नदी किनारे बसे परिवारों को लगातार सूचित किया जा रहा है और मकानों को खाली कराया जा रहा है. प्रशासन की टीमें नावों और ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं.

स्कूल बंद, बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद नैनीताल जिले के सभी स्कूल आज बंद हैं. इससे पहले भी भारी बारिश के चलते कई जिलों में छुट्टियां घोषित की गई थीं. अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

रेड अलर्ट और प्रशासन की तैयारी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तराखंड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. अगले 24 घंटों में देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चम्पावत, बागेश्वर, उत्तरकाशी और हरिद्वार में अत्यंत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चारधाम और हेमकुंट साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक रोक दिया है. यात्रा स्थगित होने से हजारों तीर्थयात्रियों की योजनाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि जान है तो जहान है.

सड़कें ठप, गांवों का कटा संपर्क

राज्य में 260 सड़कें मलबा गिरने से बंद पड़ी हैं, जिनमें छह राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं. चमोली जिले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह से बाधित है, जबकि जोशीमठ-मलारी मार्ग पर पुल बह गया है. रुद्रप्रयाग जिले में बांसवाड़ा के पास केदारनाथ हाईवे ठप पड़ा है. उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे कई स्थानों पर बंद है और बड़कोट नगर पालिका क्षेत्र के मकानों में दरारें पड़ने से लोग दहशत में हैं.

घर तबाह, लोग बेघर

भारी बारिश ने अब तक 1828 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचाया है, जबकि 300 घर पूरी तरह ढह चुके हैं. कई इलाकों में लोग रातें रिश्तेदारों या सरकारी भवनों में बिता रहे हैं. बिजली आपूर्ति ठप होने से अंधेरा और भी मुश्किलें बढ़ा रहा है.

रामनगर और गर्जिया मंदिर पर असर

रामनगर में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है. गर्जिया मंदिर, जहां सामान्य दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, प्रशासन ने अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है. स्थानीय पुलिस लगातार लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील कर रही है. मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी विभाग चौकन्ने रहें. NH, BRO और PWD को सड़कें खोलने के लिए मशीनरी तैनात करने को कहा गया है. ऊर्जा निगम को बिजली सप्लाई दुरुस्त रखने के आदेश मिले हैं. पुलिस अधिकारियों ने जिलों के कप्तानों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि खराब मौसम में यात्रियों और वाहनों को जोखिम भरे इलाकों में आगे न बढ़ने दिया जाए. नदी-नालों के किनारे अलर्ट जारी किए जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.

लोगों की दहशत और अनिश्चितता

लगातार हो रही बारिश ने लोगों में भय का माहौल बना दिया है. हर घर में चिंता है कि अगला पत्थर, अगला मलबा या अगली बाढ़ किसके जीवन पर भारी पड़ेगी. गांवों में बुजुर्ग कह रहे हैं कि ऐसा पानी बरसता तो सुना है, देखा नहीं. बच्चे स्कूल बंद होने से घर में कैद हैं और महिलाएँ दिन-रात अपने परिवार को लेकर दुआएं कर रही हैं.

अनोखा विरोध: नई झील का उद्घाटन

पौड़ी जिले में जलभराव से परेशान लोगों ने प्रशासन के खिलाफ अनोखे तरीके से गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में नई झील का उद्घाटन कर प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई.

(इनपुट : राहुल सिंह दरम्वाल और अंकित शर्मा)

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