उत्तर प्रदेश के बांदा में यमुना और केन नदियों के उफान से दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है. खप्टिहा कला और अमारा गांवों में सड़कों पर पानी भर गया है. स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर जुगाड़ू नावों से स्कूल जा रहे हैं. प्रशासन ने 47 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर स्टीमर चलाने की तैयारी शुरू कर दी है.
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नाव से जाने को मजबूर लोग.
उत्तर प्रदेश के बांदा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. यमुना और केन नदियों के उफान पर होने के कारण कई सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. इससे दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. खप्टिहा कला और अमारा जैसे गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं, जहां सड़क की जगह अब नदी जैसी धारा बहती नजर आ रही है.
दरअसल, स्कूली बच्चों और उनके माता-पिता को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन बच्चों को स्कूल जाने के लिए जुगाड़ू नावों का सहारा लेना पड़ रहा है. ये नावें स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई हैं और बेहद असुरक्षित हैं. छात्र और उनके माता-पिता का कहना है कि प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है. हम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर भगवान भरोसे आ-जा रहे हैं. कई अभिभावकों ने अपनी चिंता जताते हुए कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो वे चुनावों का बहिष्कार करेंगे.
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हालात को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया है. बांदा डीएम जे. रिभा ने बताया कि मध्य प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश के चलते केन और यमुना नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. हालांकि फिलहाल दोनों नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं, लेकिन सहायक नदी चंद्रावल का जलस्तर बेहद तेजी से बढ़ा है.
डीएम ने बताया कि खप्टिहा कला और अमारा मार्ग पर पानी भरने से सड़कें पूरी तरह ब्लॉक हो गई हैं. PWD विभाग के माध्यम से स्टीमर सेवा शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और नावें जल्द ही प्रशासनिक निगरानी में चलाई जाएंगी. फिलहाल जिले की सभी 47 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है. साथ ही लेखपाल, ग्राम सचिव और एसडीएम को अलर्ट पर रखा गया है.
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि पानी से भरे रास्तों पर यात्रा न करें और वाहन लेकर न निकलें. साथ ही भरोसा दिलाया गया है कि हर संभव सहायता पहुंचाई जाएगी.
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