सलमान खान ने मोटर बाइक्स के बेहद शौकीन हैं. हाल ही में उन्होंने इस बारे में बात की और बाइक से खुद अपने स्टंट करने के इंटरेस्ट के बारे में बताया. उन्होंने अपने शुरुआती दिनों की एक दिलचस्प कहानी भी शेयर की, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं. सलमान ने बताया कि कैसे उन्होंने खुद से एक बाइक बनाई थी, लेकिन उसे सिर्फ एक बार ही चला पाए.
सलमान ने खुद बनाई बाइक!
इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में सलमान ने इंडियन सुपरक्रॉस लीग के सीजन 2 के लॉन्च पर अपने एक्सपीरियंस को याद किया. एक्टर ने कहा कि- मेरे एक दोस्त थे, सलीम, जो पहले फिल्मों में भी थे, जैसे 'बागी', 'जागृति' और 'हीरो' में. वो बाइक्स के कारोबारी थे. मैंने एक बाइक का इंजन पड़ा देखा और सोचा कि पूरी बाइक खुद ही बना लूं. उस समय एक स्टंटमैन थे, दिलावर खान- अब दोनों ही नहीं रहे.
कैसे बनी भाईजान की बाइक?
सलमान ने आगे बताया कि मैंने सलीम से इंजन लिया, महाराष्ट्र गैरेज गया, वहां से टायर लिए. पूरी बाइक खुद बनाई. मेरे पापा की कार उस समय पेंट हो रही थी, तो उसका मडगार्ड और टैंक ले लिया और बाइक में लगा दिया. डेढ़ महीने लगे पूरी बाइक बनाने में. जिस दिन पहली बार बाइक चलाई, सलीम ने मुझे देखा और कहा- ये वही बाइक है जो मेरे इंजन से बनाई है.
सलमान ने हंसते हुए आगे कहा कि- अगले ही दिन वो आए और बाइक को फिल्म सिटी की झील में डुबो दिया. वहीं बाइक खत्म हो गई. मैं बस एक ही बार चला सका, वो भी डेढ़ महीने की मेहनत के बाद.
सलमान ने सीखा स्टंट करना?
जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने फिल्मों में भी बाइक्स पर स्टंट किए हैं? सलमान ने कहा- हां, बिल्कुल किए हैं. लेकिन ज्यादातर मैंने जुहू बीच पर प्रैक्टिस की. बॉबी देओल भी उस वक्त ट्रेनिंग ले रहे थे. बॉबी को स्टंट्स में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी, खासकर रैम्प से कूदने में, तो मैं कर लेता था क्योंकि मुझे अच्छा लगता था. जब बॉबी चले जाते तो टीनु वर्मा मुझे स्टंट्स करवाते और प्रैक्टिस करवाते थे. हम घुड़सवारी और बाइकिंग दोनों की प्रैक्टिस करते थे. आज भी हमारे फार्महाउस में रैम्प बने हैं, मैं डेम और डर्ट ट्रैक्स पर बाइक चलाता हूं.
भारत में क्यों नहीं बाइक ट्रेनिंग की सुविधा?
सलमान ने अपना बाइक प्रेम तो जता दिया लेकिन इसी के साथ उन्होंने एक बड़ी समस्या पर भी बात की. एक्टर ने बताया कि भारत में मोटरस्पोर्ट्स के लिए सही इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है.
सलमान ने कहा- मुझे लगता है हमारे देश में खेलों का बहुत स्कोप है. भारत में आबादी बहुत ज्यादा है, और यहां सबसे ज्यादा बाइक और स्कूटर बिकते हैं. लेकिन यहां बच्चों और युवाओं के लिए कोई जगह नहीं है जहां वो बाइकिंग, राइडिंग, मोटोक्रॉस या सुपरक्रॉस कर सकें. ना ही उनके लिए कोई अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है, न कोई लीग है.
अगर उन्हें ट्रेनिंग करनी हो, तो उन्हें विदेश जाना पड़ता है. क्यों? हमारे यहां भी ये सुविधाएं हो सकती हैं. लीग्स बन सकती हैं, राइडर्स को ट्रेन किया जा सकता है, उनके लिए बाइक्स और सही सेटअप मिल सकता है. तब हम भी इंडिया से वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने का सपना देख सकते हैं.
वर्कफ्रंट की बात करें तो, सलमान खान अपनी अगली फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' में नजर आएंगे. वो इसके लिए कड़ी ट्रेनिंग कर रहे हैं.
---- समाप्त ----
इनपुट: अनीता ब्रिटो