बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का वेरिफिकेशन चल रहा है. इस कवायद में अभी 11 दिन शेष हैं और अब तक ही 35 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटना तय है.
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88 फीसदी मतदाताओं ने जमा किए गणना फॉर्म (सांकेतिक तस्वीर)
बिहार में चुनाव आयोग की ओर से कराए जा रहे वोट लिस्ट के गहन पुनरीक्षण और सत्यापन का अभियान अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर है. 24 जून से शुरू हुई इस प्रक्रिया में अब 11 दिन बाकी हैं और 7 करोड़ 90 लाख मतदाताओं में से 6 करोड़ 60 लाख 67 हजार 208 मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म जमा करा दिए हैं. यह आंकड़ा कुल मतदाताओं का करीब 88 फीसदी पहुंचता है. अब तक की कवायद में ही करीब 35 लाख 69 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटना तय माना जा रहा है.
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अब तक 5 करोड़ 74 लाख से अधिक प्रपत्र अपलोड किए जा चुके हैं. दो दौर के घर-घर सर्वेक्षण के बाद अब तक 1.59 फीसदी मतदाता मृत पाए गए, 2.2% ने स्थायी रूप से अपना निवास स्थान बदल लिया है और 0.73% लोग एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए हैं. यह आंकड़ा 4.52 फीसदी पहुंचता है. संख्या के लिहाज से देखें तो ऐसे मतदाताओं की तादाद करीब 35 लाख 69 हजार से ज्यादा पहुंचती है.
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चुनाव आयोग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अब केवल 11.82% मतदाता ही शेष हैं, जिन्होंने अभी तक अपने भरे हुए गणना फॉर्म जमा नहीं किए हैं. आयोग का कहना है कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. करीब एक लाख बीएलओ तीसरे दौर में घर-घर सर्वेक्षण का काम जल्द ही शुरू करेंगे. इस कार्य में राजनीतिक दलों के 1 लाख 50 हजार बीएलए भी पूरा सहयोग कर रहे हैं.
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बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों के 5683 वार्ड में विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं. अस्थायी रूप से राज्य के बाहर गए मतदाताओं के लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिससे वह भी समय पर अपना गणना फॉर्म जमा कर सकें. मतदाता सूची का ड्राफ्ट 1 अगस्त को प्रकाशित होना है.
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