गुजरात की राजनीति में पाटीदार आंदोलन का कभी प्रमुख चेहरा रहे और वर्तमान में भाजपा विधायक हार्दिक पटेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अहमदाबाद की ग्राम्य कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह कार्रवाई 2018 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज एक अपराध से संबंधित है जिसमें हार्दिक पटेल और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
वर्ष 2018 में जब पाटीदार आंदोलन अपने चरम पर था, तब आंदोलनकारियों ने कई विरोध प्रदर्शन किए थे, जिसके तहत हार्दिक पटेल, गीता पटेल, किरण पटेल, आशीष पटेल और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. यह मामला मुख्य रूप से कानून-व्यवस्था भंग करने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में दर्ज किया गया था. तब से यह मामला अदालत में चल रहा है और इसकी नियमित सुनवाई हो रही है.
इन धाराओं में मामला दर्ज
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदार नेता और वर्तमान विरमगाम विधायक हार्दिक पटेल और आरोपियों के खिलाफ निकोल पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 353, 188, 186, 120, 294, 34 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
इस संबंध में मामला अहमदाबाद ग्रामीण कोर्ट में दायर किया गया था. जिसमें वर्तमान में आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र के चरण में है. लेकिन चूंकि आरोपी उपस्थित नहीं थे, इसलिए अदालत ने वर्तमान विरमगाम विधायक हार्दिक पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
अदालत में नहीं हुए हाजिर
हार्दिक पटेल अब विरमगाम के विधायक हैं, लेकिन विधायक बनने के बाद भी वह इस मामले की सुनवाई के दौरान नियमित रूप से अदालत में उपस्थित नहीं हुए हैं. अदालती कार्यवाही में आरोपियों की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है और लगातार अनुपस्थिति कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालती है.
इस कारण से अदालत द्वारा विधायक हार्दिक पटेल को कई अवसर देने के बावजूद, वह उपस्थित नहीं हुए और अंततः अदालत ने सख्त रुख अपनाया है. अब हार्दिक पटेल को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित होना पडेगा.
---- समाप्त ----