अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सोमवार को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर फिर से अपने दावे को दोहराया है. ट्रंप ने कहा कि मैंने व्यापार के ज़रिए भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोका है, जो 'परमाणु युद्ध' में बदल सकता था. ओवल ऑफिस में NATO महासचिव मार्क रट (Mark Rutte) के साथ मीटिंग के दौरान ट्रंप ने कहा, "हम जंगों को सुलझाने में बहुत सफल रहे हैं. आपके पास भारत-पाकिस्तान है. आपके पास रवांडा और कांगो है, जो 30 सालों से चल रहा था."
उन्होंने आगे कहा, "वैसे, भारत और पाकिस्तान जिस तरह से लगे हुए थे, उससे तो एक हफ़्ते के अंदर ही परमाणु युद्ध छिड़ जाता. हालात बहुत ख़राब थे और हमने व्यापार के ज़रिए मुद्दा सुलझाया. मैंने कहा, 'जब तक आप इस मामले को सुलझा नहीं लेते, हम आपसे व्यापार पर बात नहीं करेंगे' और उन्होंने ऐसा किया. वे दोनों महान हैं."
भारत ने कई बार खारिज किया ट्रंप का दावा
10 मई के बाद से, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि वॉशिंगटन की मध्यस्थता में हुई 'लंबी रात' की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान 'पूर्ण और तत्काल' युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं, उन्होंने कई मौकों पर एक दर्जन से ज़्यादा बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को हल करने में मदद की.
हालांकि, भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ जंग खत्म करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी.
यह भी पढ़ें: Trump Warns Russia: रूस-यूक्रेन युद्ध रोकेगा 'टैरिफ बम'... ट्रंप की पुतिन को चेतावनी, 50 दिन की दी मोहलत
ट्रंप-मोदी के बीच क्या बात हुई थी?
पिछले महीने ट्रंप के साथ करीब 35 मिनट की फ़ोन कॉल में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मध्यस्थता को 'कभी स्वीकार नहीं' करता है और न ही कभी स्वीकार करेगा और यह कि सैन्य कार्रवाई खत्म करने पर भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चर्चा इस्लामाबाद गुजारिश पर शुरू हुई थी.
भारत ने पहलगाम हमले के प्रतिशोध में 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया. चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को संघर्ष खत्म करने पर सहमति बनी थी.
---- समाप्त ----