भारत में कैसे पिछड़ गया फॉर्मूला वन? कार्तिकेयन बोले- क्रिकेट की तरह सपोर्ट की जरूरत...

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ के मंच पर 8 सितंबर (सोमवार) को भारत के पहले फॉर्मूला वन (F1) ड्राइवर और पद्मश्री से सम्मानित नारायण कार्तिकेयन ने शिरकत की. नारायण कार्तिकेयन ने बताया कि भारत में और F1 ड्राइवर कैसे तैयार हो सकते हैं. अब तक केवल नारायण कार्तिकेयन और करुण चंडोक ही ऐसे दो भारतीय रहे, जिन्होंने फॉर्मूला वन रेस में हिस्सा लिया. करुण चंडोक 2011-12 के सीजन में सर्किट पर उतरे थे. उसके बाद से कोई भी भारतीय फॉर्मूला वन में नहीं दिखा.

नारायण कार्तिकेयन कहते हैं, 'आजकल मोटरस्पोर्ट्स में लोगों की दिलचस्पी बहुत बढ़ गई है. लेकिन भारत में मोटरस्पोर्ट्स करना अभी भी आम लोगों के लिए बहुत महंगा है. गो-कार्ट जैसी बेसिक चीजें भी विदेश से आयात करनी पड़ती हैं. यूरोप में पहले से ही ये महंगा खेल है, और भारत में टैक्स लगने के बाद यह और महंगा हो जाता है. इसी वजह से ज़्यादातर लोग इसे अफोर्ड नहीं कर पाते.'

नारायण कार्तिकेयन ने कहा, 'भारत क्रिकेट जैसे खेलों में इसलिए आगे बढ़ा है क्योंकि इसके लिए कई सालों से बुनियादी ढांचा मौजूद है. साथ ही, फुटबॉल भी आगे बढ़ रहा है और अन्य खेलों में भी खिलाड़ी निकलकर सामने आ रहे हैं. मोटरस्पोर्ट का उपकरण काफी महंगा होता है. हमें और अधिक कॉर्पोरेट समर्थन की आवश्यकता है. यूरोप में यह पहले से ही एक महंगा खेल है. फिर जब बात भारत की आती है, तो आप टैरिफ जोड़ देते हैं. इसके चलते यह कई लोगों की पहुंच से बाहर हो जाता है.'

हालात अब धीरे-धीरे बदल रहे: कार्तिकेयन
नारायण कार्तिकेयन ने याद दिलाया कि 2011 से 2013 तक भारत में इंडियन ग्रां प्री भी हुआ था, लेकिन वो भी खत्म हो गया. उनका मानना है कि शायद भारत उस समय मोटरस्पोर्ट्स के लिए तैयार नहीं था और खेल को उतना एक्सपोजर भी नहीं मिला. कार्तिकेयन मानते हैं कि अब हालत धीरे-धीरे बदल रहे हैं. माता-पिता बच्चों को फॉर्मूला वन डॉक्यूमेंट्री और फिल्में दिखाकर मोटरस्पोर्ट्स में भेजने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. फेडरेशन भी इस खेल के लिए बेहतर माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है. कॉर्पोरेट सपोर्ट और सरकारी मदद मिली तो भारत से नए F1 ड्राइवर निकल सकते हैं.

नारायण कार्तिकेयन का जन्म 14 जनवरी 1977 को हुआ था. साल 2005 में कार्तिकेयन ने जॉर्डन फॉर्मूला वन टीम के साथ करार किया था. इसके साथ ही वो भारत के पहले फॉर्मूला वन ड्राइवर बन गए. कार्तिकेयन की पहली रेस ऑस्ट्रेलियन ग्रां प्री थी, जिसमें उन्होंने 15वां स्थान हासिल किया था. 2007 में कार्तिकेयन ने स्पाइकर एफ1 टीम जॉइन किया. इस टीम का साल 2008 में नाम बदलकर फोर्स इंडिया फॉर्मूला वन टीम कर दिया. कार्तिकेयन इस टीम के पोस्टर-बॉय बन गए गए थे.

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