भारत से रिश्ते तोड़ना सबसे बड़ी भूल... पूर्व अमेरिकी सचिव ने ट्रंप पॉलिसी पर ये क्यों कहा?

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अमेरिका की पूर्व वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने डोनाल्ड ट्रंप की विदेश और व्यापार नीति पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ बड़ी गलती कर रहा है और अमेरिका अपने सबसे अहम सहयोगियों से दूरी बना रहा है. रायमोंडो ने कहा कि ट्रंप की अमेरिका अलोन (America Alone) नीति, अमेरिका को दुनिया से अलग-थलग कर रही है और इसका सबसे बड़ा नुकसान उसके अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को हो रहा है.

हम भारत के साथ बड़ी गलती कर रहे हैं-रायमोंडो

हार्वर्ड केनेडी स्कूल में पूर्व अमेरिकी वित्त मंत्री लॉरेंस समर्स के साथ बातचीत में रायमोंडो ने कहा कि हम भारत के साथ बड़ी गलती कर रहे हैं. ट्रंप प्रशासन ने हमारे सभी सहयोगियों को नाराज कर दिया है. ‘अमेरिका फर्स्ट’ एक बात है, लेकिन ‘अमेरिका अलोन’ बहुत खतरनाक नीति है.  उन्होंने कहा कि अमेरिका का मौजूदा रवैया उसकी आर्थिक और रणनीतिक साझेदारियों को कमजोर कर रहा है.

अगर मैं इस प्रशासन की गलतियों की एक लिस्ट बनाऊं तो उसमें सबसे ऊपर होगा, सभी सहयोगियों को नाराज करना. एक ऐसा अमेरिका जो यूरोप, जापान या दूसरे साझेदारों के साथ अच्छा दोस्त या साथी नहीं है, वो कमजोर अमेरिका है.

'हमें साझेदारी चाहिए, अलगाव नहीं'

रायमोंडो ने अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि अगर हमें दुनिया में प्रभावशाली रहना है तो मजबूत रिश्ते जरूरी हैं. यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ अच्छे संबंध बनाए बिना हम प्रभावी नहीं हो सकते. मैं चाहती हूं कि हमारे यूरोप के साथ और भी मजबूत कारोबारी रिश्ते हों. लेकिन हम भारत के साथ बड़ी गलती कर रहे हैं.

चल रहा भारत-अमेरिका व्यापार तनाव 

रायमोंडो की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है जब वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है. ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारतीय सामानों पर टैरिफ दोगुना करके 50% कर दिया है. इसके अलावा अमेरिका ने रूसी तेल की खरीद जारी रखने के चलते भारत पर नई ड्यूटी भी लगा दी है जबकि अमेरिका कई बार इस पर आपत्ति जता चुका है.

'दुनिया हमारा इंतजार नहीं करेगी'

रायमोंडो ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार में अहंकार (hubris) दिखा रहा है. हम इस वक्त दुनिया को दूर धकेल रहे हैं. अगर हमें लगता है कि बाकी देश हमारा इंतज़ार करेंगे, तो हम गलत हैं. चीन हर दिन यूरोप, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया में सक्रिय है. ये सोचना कि सिर्फ अमेरिका ही अहम है, बहुत बड़ा भ्रम है.

'सबकुछ अमेरिका में बनाना ज़रूरी नहीं'

जो बाइडन प्रशासन में वाणिज्य सचिव रह चुकी रायमोंडो ने बाइडन और ट्रंप दोनों की ‘मेड इन अमेरिका’ नीति से असहमति जताई.
उन्होंने कहा कि मुझे ये बात मंजूर नहीं कि हमें हर चीज अमेरिका में ही बनानी चाहिए. हमारे पास इतना श्रमबल नहीं है, न ही ये हमारी ताकत है और ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी भी नहीं.

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