हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कोहराम जारी है. सबसे भयावह स्थिति मंडी जिले में है. मंडी जिले में कल बादल फटने की घटना हुई थी, इसमें मृतकों का सख्या पांच पहुंच गई है. पंद्रह लोग अभी भी लापता हैं. 132 लोगों को रेस्क्यू कराया जा चुका है. मंडी जिले बादल फटने की 10 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही हुई है.
मंडी में बादल फटने के बाद पानी अपने साथ मलबे को लेकर जिस रफ्तार से गुजर रहा है, उसकी तस्वीरें डरा रही हैं, तबाही मचा रही हैं और हर दिन जान का जोखिम बढ़ा रही हैं. एक तरफ नदी का रौद्र रूप दिख रहा है तो दूसरी तरफ सैलाब के बाद का खतरनाक मंजर सामने आ रहा है.
दरअसल, कुल्लू और आसपास के इलाके में बादल फटने के बाद से नदियां उफान पर हैं. ऊपर से लगातार होती बारिश ने हालात और खराब कर दिए हैं. इधर, पंडोह डैम पर दबाव बढ़ा तो वहां से करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. पंडोह की कुकलाह नदी में बादल फटने के बाद अचानक इतना पानी भर गया कि तबाही मच गई.
कुदरत का कहर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के करसोग इलाके में ऐसा बरपा कि लोग त्राहिमाम करने लगे. इन तस्वीरों से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आसमानी आफत ने किस कदर तबाही मचाई होगी. नदी के आसपास रहने वाले कई लोग लापता बताए गए हैं. पुलिस प्रशासन की कोशिश है कि लोगों को सुरक्षित इलाकों में भेजा जाए और लापता लोगों का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके.
मॉनसून के इस मौसम में ब्यास नदी रौद्र रूप धारण कर लेती है और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में इसी वजह से जलप्रलय देखने को मिलती है. ऊपर से बादल फटने के बाद अनियंत्रित हुआ पानी अपने साथ मलबे और पत्थरों को भी लेकर तांडव मचा रहा है.
हिमाचल प्रदेश के ऊना की स्वां नदी में कुछ लोग मछली पकड़ने के लिए उतरे थे लेकिन प्रदेश के ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण स्वां नदी में जलस्तर बढ़ गया और पांचों लोग नदी की जलधारा में फंस गए. गनीमत यह रही कि नदी के मुहाने पर भी कुछ लोग थे जिन्होंने इसकी सूचना सूचना पुलिस प्रशासन को दी. सूचना मिलते ही ऊना पुलिस और फायर ब्रिगेड की दो टीमें नदी में फंसे लोगों को बचाने में जुट गईं और सुरक्षित निकाला.
हिमाचल प्रदेश में के अलावा देश के दूसरे हिस्सों का हाल भी बेहाल है. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के फूलबेहड़ थाना क्षेत्र के घोसियाना गांव में शारदा नदी के किनारे नूर आलम का मकान था. पहाड़ों में हो रही मूसलाधार बारिश से कल शारदा नदी में ऐसा उफान आया कि ये घर देखते ही देखते पानी में समा गया.
उत्तर प्रदेश में ही संगम नगरी प्रयागराज में विभिन्न बांधों से छोड़ा गया पानी जब प्रयागराज पहुंचा तो संगम के तमाम घाट जलमग्न हो गए. बिहार के रोहतास नौहट्टा के महादेव खोह जलप्रपात भी ऊफान पर है. पानी का प्रवाह इतना तेज कि आसपास के दुकानदार अपनी-अपनी दुकान छोड़कर भाग खड़े हुए.
महादेव खोह के पास भगवान शिव का पौराणिक मंदिर है. झरने में उफान को देखते हुए मंदिर कमेटी ने शिवभक्तों से सावधान रहने की अपील की है.