उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की एक विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने घोसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक सुधाकर सिंह को भगोड़ा घोषित किया है. जिस आपराधिक मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है, वो करीब चार दशक पुराना है. अदालत के इस आदेश के बावजूद, सुधाकर सिंह अपने क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना जारी रखते हैं.
न्यूज एजेंसी के मुतबक, यह मामला 1986 का है, जब सुधाकर सिंह पर दोहरीघाट पुलिस ने कथित तौर पर सरकारी काम में बाधा डालने, तोड़फोड़ करने और 400 केवी बिजली सबस्टेशन पर बिजली कटौती के विरोध में अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला दर्ज किया था.
यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट JPNIC को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, सपा मुखिया ने किया रिएक्ट
शुरू में, मामले की सुनवाई तत्कालीन आजमगढ़ जिला अदालत में चल रही थी, जिसने उन्हें जमानत दे दी थी. 1989 में मऊ को एक अलग जिला बनाए जाने के बाद, मामले की फाइल मऊ अदालत में स्थानांतरित कर दी गई थी. 25 जुलाई, 2023 को अदालत ने औपचारिक रूप से उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया.
यह भी पढ़ें: घोसी: अस्पताल में डॉक्टर के साथ बहस के बाद सपा सांसद पर FIR, सरकारी काम में बांधा पहुंचाने का आरोप
विधायक चुने जाने के बाद सिंह ने 4 जून 2024 को जिला न्यायाधीश के समक्ष याचिका दायर की, जिसके बाद उनके मामले को आगे की कार्यवाही के लिए एमपी/एमएलए मामलों से निपटने वाली अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया. उनके वकील वीरेंद्र बहादुर पाल ने तर्क दिया कि गिरफ्तारी वारंट ठीक से तामील नहीं हुआ और दावा किया कि सिंह को अदालत के आदेश की जानकारी नहीं थी. उन्होंने फरारी आदेश को रद्द करने के लिए याचिका दायर की. हालांकि, अतिरिक्त सरकारी वकील राजेश पांडे ने कहा कि सुधाकर सिंह कानूनी कार्यवाही से पूरी तरह वाकिफ थे.
यह भी पढ़ें: आजमगढ़ में अखिलेश का नया आशियाना, नाम रखा- PDA भवन... पूर्वांचल में बनेगा सपा की रणनीति का प्रमुख केंद्र
वकील राजेश पांडे ने अदालत को यह भी बताया कि सुधाकर सिंह ने अदालत के आदेश के अनुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास 2,000 रुपये का जुर्माना भी जमा किया है. सरकारी वकील ने कहा कि अदालत ने याचिका पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को तय की.
---- समाप्त ----