मराठा आरक्षण आंदोलन: पुलिस ने जारी किया नोटिस, दोपहर तक खाली करना होगा आजाद मैदान

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बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए मुंबई पुलिस ने मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल को नियमों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया है. पुलिस ने जरांगे पाटिल की कोर कमेटी को आजाद मैदान परिसर को जल्द-से-जल्द खाली करने का निर्देश दिया है. नोटिस में ये भी उल्लेख किया गया है कि पुलिस ने जरांगे पाटिल के मीडिया में दिए गए बयानों पर ध्यान दिया है और उन्हें नोटिस में शामिल किया है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के फैसले को अदालत ने चुनौती देने की बात कही है. 

मुंबई पुलिस के अनुसार, जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों ने आजाद मैदान में मराठा आरक्षण के लिए आयोजित प्रदर्शन के दौरान कोर्ट और पुलिस द्वारा निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया है. इसी लिए पुलिस ने प्रदर्शन जारी रखने की मांग को खारिज कर दिया.

पुलिस के खिलाफ HC जाएंगे प्रदर्शनकारी

पुलिस ने बताया कि कल रात प्रदर्शन जारी रखने के लिए पुलिस की मंजूरी बढ़ाने के लिए आवेदन किया था. जिसे पुलिस ने मंगलवार सुबह खारिज कर दिया और प्रदर्शनकारियों को सड़कें खाली करने का निर्देश दिया गया है. इस पर प्रदर्शनकारियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पुलिस के फैसले को चुनौती देने की बात कही है.

प्रदर्शन के आयोजक वीरेंद्र पवार ने बताया कि मराठा प्रदर्शनकारियों की ओर से वकील सतीश मानेशिंदे अदालत में उनका पक्ष रखेंगे.

भारी संख्या में पहुंचे प्रदर्शनकारी

बताया जा रहा है कि प्रदर्शन के लिए दी गई अनुमति केवल एक दिन के लिए थी और इसमें अधिकतम 5,000 लोगों की सीमा निर्धारित की गई थी. हालांकि, जरांगे पाटिल के नेतृत्व में लगभग 35,000 से 45,000 प्रदर्शनकारी मुंबई पहुंचे, जिन्होंने आजाद मैदान के साथ-साथ आसपास की सड़कों, जैसे सीएसटीएम, मरीन ड्राइव और पी डी'मेलो रोड को भी अवरुद्ध कर दिया. इससे दक्षिण मुंबई में भारी ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक असुविधा हुई.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती

दरअसल, सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि मराठा आरक्षण प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं रहा और इसने सभी शर्तों का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों को मंगलवार तक आजाद मैदान को छोड़कर मुंबई के अन्य सभी क्षेत्रों को खाली करने का अल्टीमेटम दिया था.

महाराष्ट्र के महाधिवक्ता बिरेंद्र सराफ ने कोर्ट को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हर नियम का उल्लंघन किया है और अनुमति से ज्यादा वक्त तक आजाद मैदान में डटे हुए हैं.

क्या है जरांगे की मांग

आपको बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि मराठवाड़ा क्षेत्र के सभी मराठों को कुंभी के रूप में मान्यता दी जाए और उन्हें ओबीसी कोटा लाभ प्रदान करने के लिए सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी किया जाए.

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