मरीज खुद लगा रहा इंजेक्शन... जिला अस्पताल महोबा में ये क्या हो रहा? वीडियो वायरल होने पर खुला राज

5 days ago 1

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. जिला अस्पताल महोबा में एक टीबी मरीज को न सिर्फ सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया, बल्कि उसे अपने इलाज के लिए खुद इंजेक्शन लगाते हुए भी देखा गया. इस घटना का वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि अस्पताल में भर्ती एक युवक अपने हाथ से इंजेक्शन खुद को लगा रहा है. 

यूपी में बुंदेलखंड के महोबा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत उजागर कर दी है. यहां जिला अस्पताल में एक टीबी (क्षयरोग) पीड़ित मरीज को टीबी वार्ड में भर्ती करने की बजाय सामान्य वार्ड में रखा गया. इतना ही नहीं, उसे खुद अपने हाथ से इंजेक्शन लगाते हुए भी देखा गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसने स्वास्थ्य महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

यहां देखें Video

वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा युवक टीबी का मरीज है. वीडियो में वह अस्पताल के वार्ड नंबर-1 में खुद को डेरी डेक्सा नामक इंजेक्शन लगाता दिख रहा है. यह इंजेक्शन टीबी के इलाज में प्रयोग होता है और इसे प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख में ही मरीज को दिया जाना चाहिए, लेकिन यहां न डॉक्टर मौजूद हैं, न नर्स. मरीज खुद इंजेक्शन लगाता है, जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ गया है.

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बड़ी चूक यह भी है कि मरीज को टीबी वार्ड में न रखकर सामान्य वार्ड नंबर-1 में भर्ती किया गया, जहां पहले से ही अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज और छोटे बच्चे इलाज के लिए भर्ती हैं. टीबी एक संक्रामक रोग है, जो हवा के माध्यम से फैलता है. ऐसे में इस मरीज को सामान्य वार्ड में रखने से दर्जनों अन्य मरीजों और तीमारदारों के संक्रमित होने की आशंका है. 

वीडियो वायरल होने के बाद वार्ड में दहशत का माहौल बन गया. वार्ड में भर्ती मरीज सुनीता शुक्ला ने कहा कि हमने जब अस्पताल प्रशासन से शिकायत की तो किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने बताया कि हमने कई बार कहा कि टीबी का मरीज हमारे बीच न रखा जाए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, अन्य मरीज अभिलाषा और रिंकू ने बताया कि उन्हें पास के बेड पर भर्ती मरीज के टीबी पीड़ित होने की जानकारी वीडियो के वायरल होने के बाद हुई. तब से हम सभी डरे हुए हैं और अस्पताल में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

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यह पहला मौका नहीं है जब महोबा जिला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा हो. पूर्व में भी इलाज में कोताही, डॉक्टरों की अनुपलब्धता और मरीजों से दुर्व्यवहार की खबरें आती रही हैं, लेकिन इस बार मामला गंभीर है. लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन खुलेआम मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा है. 

इस पूरे घटनाक्रम के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर अस्पताल प्रशासन ने टीबी मरीज को सामान्य वार्ड में क्यों रखा? क्या अस्पताल में अलग वार्ड उपलब्ध नहीं है? क्या स्टाफ की इतनी कमी है कि मरीज को स्वयं इंजेक्शन लगाना पड़ा? या फिर यह सब जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी का परिणाम है? जब इस मामले को लेकर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पवन अग्रवाल से बात की गई, तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए जांच की बात कही है.

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