मुंबई में छोटा सा फ्लैट खरीदना भी लोगों के लिए बड़ा सपना होता है, हांलाकि यहां घर खरीदना आने वाले वक्त में सबसे आसान हो सकता है. लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों के लिए घर लेना आसान नहीं है. नेशनल हाउसिंग बैंक के मुताबिक शहर के पांच प्रतिशत अमीर परिवारों को भी एक औसत घर लेने के लिए करीब 109 साल तक पैसे जोड़ने पड़ेंगे, इससे पता चलता है कि यहां घर खरीदना कितना मुश्किल है.
मिडिल क्लास के लिए घर लेना कितना मुश्किल?
नाइट फ्रैंक इंडिया (Knight Frank India) की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में पिछले 15 सालों में घर खरीदने का सामर्थ्य सबसे बेहतर हुआ है, लेकिन फिर भी ये मिडिल क्लास लोगों के लिए आसान नहीं है. इस रिपोर्ट के मुताबिक एक मिडिल क्लास इंसान महीने का 48 फीसदी होम लोन चुकाने में लगाता है. ये पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है, लेकिन देश के दूसरे शहरों के मुताबिक ये ज्यादा है.
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मुंबई में घर लेना सबसे मुश्किल?
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार है कि मुंबई में affordability index 50 फीसदी से नीचे आया है. मुंबई ऐसा शहर है जो हमेशा रेट के मामले में सबसे महंगा रहा है. कम होम लोन की ब्याज दरों की वजह से थोड़ा किफायती हुआ है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसके बावजूद मुंबई में घर घरीदना लोगों के लिए मुश्किल ही है.
रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई का रियल एस्टेट देश में सबसे महंगा है. यहां एक अपार्टमेंट की कीमत 25 हजार रुपये वर्ग फुट से लेकर 3 लाख रुपये वर्ग फुट तक है. एक्सपर्ट के मुताबिक वसई, ठाणे, कल्याण, डोंबिबली और पनवेल जैसे इलाके में 1 बीएचके फ्लैट का 50 लाख रुपये तक का रेट है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंबरनाथ, करजात और नेरल जैसे इलाकों में छोटे साइज के 2 बीएचके फ्लैट 50 लाख में मिल सकते हैं. लेकिन मुंबई शहर के अंदर 50 लाख रुपये में 1RK स्टूडियो अपॉर्टमेंट मिल सकता है. मुंबई में रजिस्टर होने वाली करीब 80 फीसदी प्रॉपर्टी 2 करोड़ रुपये की कीमत वाली होती है.
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