घरेलू मार्केट से लेकर एमसीएक्स तक सोने की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चल रही हैं, तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गोल्ड रेट ने नया रिकॉर्ड बना दिया है और इसका भाव 3500 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है, जो इसका अब तक का सबसे हाई लेवल है. एक्सपर्ट भी आने वाले कुछ समय में सोने की कीमतें इसी स्तर के आस-पास बनी रहने की आशंका जाहिर कर रहे हैं. वैसे तो साल 2025 में सोने का रेट तेजी से चढ़ा है, लेकिन बीते कुछ महीनों में ये लगातार नए शिखर पर पहुंचता जा रहा है. आइए जानते हैं इसमें तेजी के पीछे के तीन बढ़े कारण...
एमसीएक्स से घरेलू मार्केट तक आसमान पर भाव
गोल्ड रेट वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 3,500 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए और भारतीय खरीदारों के लिए इसका भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चल रहा है. एमसीएक्स पर सोने की वायदा कीमतों की बात करें, तो 3 अक्टूबर की एक्सपायरी वाले 999 शुद्धता वाला गोल्ड बीते कारोबारी दिन 1,05,937 रुपये प्रति 10 ग्राम के हाई पर पहुंच गया था. वहीं इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट IBJA.Com पर अपडेट रेट्स के मुताबिक, घरेलू मार्केट में सोमवार शाम को सोना 1,04,493 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया.
सोने में उछाल के ये 3 बड़े कारण
बात करें, सोने की कीमतों में हालिया दिनों में आए रिकॉर्ड उछाल के पीछे के कारणों के बारे में, तो इसकी तीन बड़ी वजह सामने आती हैं. जो अमेरिकी टैरिफ के चलते वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और तीसरी लगातार कमजोर होता रुपया है. जिसके चलते 2 सितंबर को सोना सालाना आधार पर 40% उछाल के साथ ग्लोबली रिकॉर्ड हाई लेवल पर जा पहुंचा. बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच लोग लगातार सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर बढ़ रहे हैं.
खरीदें या रुकें... एक्सपर्ट दे रहे ये सलाह
फाइनेंशियल एक्सपर्ट सोने की आसमान पर पहुंची कीमतों के चलते खरीदारों को सावधानी से आगे बढ़ने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि सोना अपने शिखर पर है, तो ऐसे में बड़ी खरीदारी से बचना सही होगा. इसके बजाय गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में एसआईपी के जरिए खरीदारी करना उचित रास्ता साबित हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने आभूषणों की खरीदारी करते समय इसकी शुद्धता की पुष्टि करने की भी अपील करते हुए सलाह दी है कि सिक्के, बार या ज्वेलरी खरीदते समय हमेशा बीआईएस हॉलमार्किंग और प्रमाणपत्रों को जांचने पर जोर जरूर दें.
सोना खरीदार ये बातें रखें ध्यान
- गोल्ड के रेट में बदलाव पर नजर रखें और स्थानीय दुकानों में तुलना करें
- ज्वेलरी खरीदते समय प्रमाणित, हॉलमार्क वाले सोने को प्राथमिकता दें
- निवेश के लिए ईटीएफ या सॉवरेन बॉन्ड जैसे डिजिटल ऑप्शन चुनें
- किसी भी प्रकार की घबराहट या हड़बड़ी में सोना खरीदने से बचें
- महंगे दाम पर खरीदारी के बजाय पुराने सोने को नए आभूषणों से बदल सकते हैं
पोर्टफोलियो में सीमित रखें निवेश
सोने की कीमतों में लगी आग के बीच एक्सपर्ट्स लगातार निवेशकों को चेतावनी भी देते हुए कह रहे हैं कि आर्थिक अस्थिरता के खिलाफ सोना एक मजबूत बचाव जरूर है, लेकिन इसमें अस्थिरता भी देखने को मिल सकती है. ऐसे में भारतीय निवेशक अपने पोर्टफोलियो में सोने का निवेश इन हाई लेवल पर 5-10% तक ही सीमित रखें, तो बेहतर होगा.
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतीन त्रिवेदी की मानें तो टैरिफ से जुड़ी चिंताएं और रुपये में गिरावट भारतीय बाजारों में सोने को और महंगा करने में बड़ा रोल निभा रही हैं. आने वाले दिनों में गोल्ड रेट 1,00,000 रुपये से 1,05,000 रुपये के दायरे में ही रह सकते हैं.
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