राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अंबाला एयर फोर्स स्टेशन से कल भरेंगी राफेल फाइटर जेट में उड़ान

3 hours ago 1

29 अक्टूबर 2025 को हरियाणा के अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर एक खास ऐतिहासिक पल होगा. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरेंगी. यह उनकी राष्ट्रपति पद की एक और बड़ी उपलब्धि है, जो भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को दिखाएगी. राष्ट्रपति मुर्मू भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं. वे पहली आदिवासी महिला और दूसरी महिला हैं जिन्होंने यह पद संभाला है.

राष्ट्रपति मुर्मू का परिचय: साहस और नेतृत्व की मिसाल

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव में हुआ. 25 जुलाई 2022 को वे भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं. वे प्रणब मुखर्जी के बाद दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. राष्ट्रपति पद पर रहते हुए वे महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की मजबूत समर्थक रही हैं. वे कहती हैं कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं, बस अवसर चाहिए.

यह भी पढ़ें: 4 मिनट में पाकिस्तान के अंदर अटैक, 25% चीन भी रेंज में... ब्रह्मोस-2 मिसाइल पर काम जल्द शुरू

पिछली उड़ान: 2023 में सुखोई-30 एमकेआई में इतिहास रचा

राष्ट्रपति मुर्मू ने इससे पहले 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर एयर फोर्स स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट में उड़ान भरी थी. यह भारत के राष्ट्रपतियों में तीसरी बार था जब कोई राष्ट्रपति फाइटर जेट में उड़े. इस उड़ान ने उनके साहस को दिखाया. जेट की स्पीड 2,000 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा थी. यह 30 मिनट चली. राष्ट्रपति ने कहा था कि यह अनुभव अद्भुत था. भारतीय वायुसेना की ताकत देखकर गर्व हुआ. यह उड़ान न सिर्फ ऐतिहासिक थी, बल्कि महिलाओं को सेना में आने के लिए प्रोत्साहन भी बनी.

President of India Droupadi Murmu will visit Ambala, Haryana, tomorrow, where she will take a Sortie in Rafale

​Earlier on April 8, 2023, the President took a sortie in a Sukhoi 30 MKI fighter aircraft at the Tezpur Air Force Station, Assam

Read here: https://t.co/1fYarch9D4

— PIB India (@PIB_India) October 28, 2025

राफेल जेट क्या है? भारत की रक्षा का मजबूत हथियार

राफेल एक आधुनिक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने बनाया. भारत ने 2016 में 36 राफेल जेट खरीदे, जिनकी कीमत करीब 59,000 करोड़ रुपये थी. ये जेट हवा में लड़ाई, जमीन पर हमला और समुद्री गश्त के लिए इस्तेमाल होते हैं. 

खास विशेषताएं: इसमें एडवांस्ड एवियोनिक्स (उड़ान नियंत्रण सिस्टम), रडार सिस्टम (जो दुश्मन को 200 किमी दूर देख सकता है) और प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन (सटीक हथियार) हैं. जेट की स्पीड 1,900 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह 3700 किलोमीटर दूर तक उड़ सकता है.

यह भी पढ़ें: रेडिएशन रिस्क से चेर्नोबिल जैसा खतरा... पुतिन की नई मिसाइल ट्रंप के लिए क्यों बड़ी चुनौती है?

भारत में भूमिका: राफेल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाते हैं. अंबाला और हाशिमारा में इनके स्क्वॉड्रन हैं. राष्ट्रपति मुर्मू की कल की उड़ान राफेल की क्षमताओं को करीब से दिखाएगी. यह लगभग 30-40 मिनट चलेगी. वे जेट के कॉकपिट से वायुसेना के पायलटों के साथ अनुभव साझा करेंगी.

इस उड़ान का महत्व: रक्षा, प्रेरणा और एकता का संदेश

यह उड़ान सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि भारत की रक्षा शक्ति का प्रतीक है. राष्ट्रपति मुर्मू के रूप में एक महिला का फाइटर जेट उड़ाना महिलाओं को सेना और विज्ञान में आगे बढ़ने का संदेश देता है. यह दिखाता है कि भारत अपनी रक्षा में आत्मनिर्भर हो रहा है. 

  • रक्षा के लिए: राफेल जैसे जेट सीमाओं की रक्षा करते हैं. यह उड़ान वायुसेना के जवानों का मनोबल बढ़ाएगी.
  • प्रेरणा के लिए: राष्ट्रपति मुर्मू आदिवासी पृष्ठभूमि से हैं. उनकी यह उपलब्धि गरीब और आदिवासी युवाओं को कहती है - सपने बड़े देखो, मेहनत से हासिल करो.
  • ऐतिहासिक तथ्य: वे अब सुखोई के बाद राफेल में उड़ने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और एपीजे अब्दुल कलाम ने भी फाइटर जेट उड़ाए थे.

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा है कि भारतीय सेना की ताकत देश की रक्षा का आधार है. मैं गर्व से कह सकती हूं कि हम मजबूत हैं. यह उड़ान अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर होगी, जो हरियाणा के अंबाला शहर में है. यहां राफेल स्क्वाड्रन नंबर 17 गोल्डन एरो तैनात है.

---- समाप्त ----

Read Entire Article