रूस-यूक्रेन के बीच 7 हफ्तों में पहली बार हुई शांति वार्ता, पुतिन पर बढ़ रहा ट्रंप का दबाव

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इससे पहले 16 मई और 2 जून को हुई बैठकों के दौरान हजारों युद्धबंदियों और मृत सैनिकों के शवों का आदान-प्रदान हुआ था. हालांकि ये बैठकें कुल मिलाकर तीन घंटे से भी कम समय की थीं और युद्ध समाप्त करने को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई थी. 

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ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर शांति समझौता नहीं होता, तो रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे. (File Photo)

ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर शांति समझौता नहीं होता, तो रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे. (File Photo)

रूस और यूक्रेन के वार्ताकारों ने बुधवार को इस्तांबुल में सात हफ्तों में पहली बार शांति वार्ता की. यह वार्ता ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मॉस्को पर दबाव बना रखा है कि वह जल्द कोई समझौता करे, नहीं तो कड़े नए प्रतिबंधों का सामना करे.

यूक्रेन चाहता है कि यह बैठक दोनों देशों के राष्ट्रपतियों- वलोदिमीर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन- के बीच एक शिखर वार्ता का रास्ता खोले, जिसे किसी ठोस समाधान की कुंजी माना जा रहा है. हालांकि, क्रेमलिन को इस्तांबुल में किसी बड़ी सफलता की संभावना को लेकर उम्मीदें बेहद कम हैं.

ट्रंप और जेलेंस्की के रिश्तों में आया सुधार

इससे पहले 16 मई और 2 जून को हुई बैठकों के दौरान हजारों युद्धबंदियों और मृत सैनिकों के शवों का आदान-प्रदान हुआ था. हालांकि ये बैठकें कुल मिलाकर तीन घंटे से भी कम समय की थीं और युद्ध समाप्त करने को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई थी. 

ट्रंप ने फरवरी में व्हाइट हाउस में जेलेंस्की से हुई सार्वजनिक बहस के बाद अब संबंधों को सुधार लिया है और हाल के हफ्तों में पुतिन को लेकर उनकी झुंझलाहट बढ़ी है.

पुतिन को ट्रंप की चेतावनी

पिछले हफ्ते ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर 50 दिनों के भीतर शांति समझौता नहीं होता, तो रूस और उसके निर्यात खरीदने वाले देशों पर सख्त नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे. हालांकि, वित्तीय बाजारों की प्रतिक्रिया से यह संकेत मिला कि निवेशकों को उनकी इस चेतावनी पर अमल होने को लेकर डर है.

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