Weight-loss drug Wegovy: वजन कम करने और शुगर को कंट्रोल करने के लिए कुछ कंपनीज ने जीएलपी-1 दवाएं मार्केट में लॉन्च की हैं जो कि ओजेम्पिक, वेगोवी, मौनजारो और जेपवाउंड जैसे नामों से आती हैं. इन कंपनीज का दावा है कि ये दवाएं वजन कम करने में काफी मदद करती हैं. भारत में एली लिली कंपनी की मौनजारो और नोवो नॉर्डिक्स की वेगोवी आधिकारिक रूप से लॉन्च हो चुकी हैं. हाल ही में डेनमार्क की कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने दावा किया है कि उनकी वजन घटाने वाली दवा वेगोवी ने एली लिली की वेट लॉस दवा (टिर्जेपेटाइड) की तुलना में दिल का दौरा, स्ट्रोक या मृत्यु के जोखिम को 57 प्रतिशत तक कम कर दिया है.
यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ESC) की कॉन्फ्रेंस में कंपनी ने दावा किया है कि अधिक वजन या मोटापे और हृदय रोग (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज) से पीड़ित लोगों में, यदि लगातार इलाज जारी रखा जाए तो बड़ी हार्ट संबंधी बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है.
क्या है पूरा मामला?
स्टीर ऑब्जर्वेशन ट्रायल के नतीजे फेज 3 सिलेक्ट ट्रायल के रिजल्ट पर आधारित हैं जिसमें वेगोवी से हार्ट डिजीज का जोखिम 20 प्रतिशत तक कम पाया गया था. सिलेक्ट ट्रायल के आधार पर ही अमेरिका और यूरोप में वेगोवी के लेबल को हार्ट डिजीज वाले मरीजों के लिए भी बढ़ाया गया था. इसी तरह के नतीजे एक और रियल वर्ल्ड रिसर्च SCORE में भी सामने आए थे.
दवा निर्माता कंपनी ने कहा कि टिर्जेपेटाइड की तुलना में, वेगोवी की 2.4 मिलीग्राम खुराक से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हृदय संबंधी मृत्यु या किसी भी कारण से मृत्यु के जोखिम में 57 प्रतिशत की कमी देखी गई, जबकि उपचार के दौरान 30 दिनों से अधिक का गैप नहीं था.
जानकारी के मुताबिक, इस ट्रायल में अमेरिका के उन वयस्कों का डेटा विश्लेष किया गया था जो 45 साल या उससे अधिक उम्र के थे, अधिक वजन या मोटापे और हार्ट डिजीज से पीड़ित थे लेकिन उन्हें डायबिटीज नहीं थी. फिर इन लोगों को 2 बराबर ग्रुप में बांटा गया जिनमें से 10,625 मरीजों ने वेगोवी ली और 10,625 ने जेपवाउंड.
रिसर्च में सामने आया है कि दोनों दवाएं लेने वाले मरीजों में दिल से जुड़ी समस्याएं काफी कम हो गई हैं. वेगोनी लेने वाले हजारों मरीजों में से सिर्फ 15 लोग (यानि 0.1%) को हार्ट अटैक, स्ट्रोक या मौत जैसी गंभीर बीमारियों हुईं और वहीं टिर्जेपेटाइड लेने वाले लोगों में ये संख्या थोड़ी अधिक यानी 39 लोग (0.4%) देखी गई. औसतन वेगोवी लेने वालों का फॉलो-अप लगभग 3.8 महीने और टिर्जेपेटाइड वालों का फॉलो-अप 4.3 महीने तक हुआ.
रिसर्च के दौरान जब 21 हजार से अधिक मरीजों का पूरा डेटा देखा गया तो सामने आया कि वेगोवी का इस्तेमाल करने वाले लोगों में हार्ट की बीमारी और किसी भी तरह से मौत का खतरा 29 प्रतिशत कम हो गया था. साथ ही यह असर उन लोगों में भी दिखा जिन्होंने बीच-बीच में दवा लेना बंद कर दिया था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
रिसर्च के बाद नोवो नॉर्डिस्क में प्रोडक्ट और पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी के हेड लुडोविक हेल्फगोट (Ludovic Helfgott) ने कहा,'ये डेटा पुष्टि करते हैं कि वेगोवी अब तक उपलब्ध GLP-1 आधारित दवाओं में अकेली ऐसी दवा है, जिसने हार्ट संबंधी बीमारियों में फायदा पहुंचाया है.'
हाल ही में वेगोवी को फैटी लिवर की एडवांस स्टेज MASH बीमारी के इलाज की मंजूरी भी मिली है. इसके अलावा, डेनमार्क की यह दवा बनाने वाली कंपनी इस साल के अंत तक वेगोवी की ओरल ड्रग (खाने वाली गोली) को वेट मैनेजमेंट के लिए मंजूरी दिलाने के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेसन के निर्णय का इंतजार कर रही है.
वेगोवी क्या है?
टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे के इलाज में सेमाग्लूटाइड (एंटी-डायबिटिक ड्रग) टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा है. इसकी अधिक खुराक वाला फॉर्मूलेशन एक फ्लेक्सटच पेन जैसी डिवाइस में आता है, जिसे वेगोवी नाम से जानते हैं. इसका उपयोग करना आसान होता है. यह भूख और इंसुलिन को नियंत्रित करता है, जिससे आप कम खाते हैं. इससे ब्लड शुगर मेंटेन रहता है और फैट कम होता है.
---- समाप्त ----