उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, धर्मांतरण के इस कथित माफिया का चेहरा और भी भयावह होता जा रहा है. यूपी एटीएस की गिरफ्त में आ चुके इस शख्स को कुछ समय पहले तक लोग एक "पीर बाबा" के तौर पर जानते थे, लेकिन अब वह धर्मांतरण के एक संगठित रैकेट का मास्टरमाइंड निकला है.
यूपी एटीएस और ईडी की जांच में अब तक जो खुलासे हुए हैं, वे चौंकाने वाले ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर संकेत दे रहे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा ने धर्मांतरण को एक मुनाफे वाले धंधे में बदल दिया था. इसमें पाकिस्तान, तुर्की, अरब देशों सहित विदेशों से आने वाली करोड़ों रुपए की फंडिंग, फर्जी एनजीओ और मोटी संपत्ति शामिल थी.
जांच एजेंसियों को पता चला है कि छांगुर बाबा ने बड़ी चतुराई से विदेशी स्रोतों से फंड जुटाया और उसे अपने भरोसेमंद लोगों के खातों में ट्रांसफर किया. सबसे बड़ा नाम इसमें नीतू वोहरा उर्फ नसरीन और उसके पति नवीन वोहरा का है. इन दोनों के खातों में करोड़ों रुपए आने-जाने का सिलसिला बीते कई महीनों से चल रहा था. इसके पुख्ता सबूत जांच एजेंसियों को मिले हैं.
इसके अनुसार, नीतू वोहरा के 8 बैंक खातों में 13.90 करोड़ रुपए की एंट्री हुई. नवीन के 6 खातों में 18 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ. केवल 4 महीनों में नसरीन के अकाउंट में करीब 14 करोड़ रुपए आए और तुरंत निकाल लिए गए. छांगुर बाबा ने इस पूरे ऑपरेशन को 'कानूनी रंग' देने के लिए चार अलग-अलग फर्जी संस्थाएं बना रखी थीं. इनके जरिए विदेशों से फंड मंगाया जाता था.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इन संस्थाओं का इस्तेमाल धर्मांतरण गतिविधियों की आड़ में निजी संपत्तियां खड़ी करने के लिए भी किया गया. बलरामपुर के उतरौला में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और कलेक्शन सेंटर जैसी प्रॉपर्टीज में फंड निवेश किया गया. यही नहीं छांगुर बाबा के नेटवर्क में शामिल लोगों ने कई जिलों में जमीनें खरीदीं और वहां अपनी गतिविधियों का विस्तार किया.
आजतक की पड़ताल में सामने आया है कि छांगुर बाबा अकेला नहीं था. एक पीड़िता ने खुलासा किया है कि उसके नेटवर्क में 30-40 लोग सक्रिय हैं, जो बरेली और आजमगढ़ जैसे ज़िलों में धर्मांतरण का गुप्त अभियान चला रहे हैं. इनमें कई डॉक्टर, प्रभावशाली लोग और धनी परिवारों के सदस्य भी शामिल बताए जा रहे हैं. इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है.
उन्होंने कहा, "देश को तोड़ने के लिए विदेशों से फंडिंग आ रही है. इस तरह की साजिशें बर्दाश्त नहीं होंगी." यूपी एटीएस की जांच अब तीव्र गति से आगे बढ़ रही है. बैंक खातों की डिटेल्स, संपत्तियों की खरीद-फरोख्त, फर्जी संस्थाओं की रजिस्ट्री और विदेश से आए पैसों के स्रोत, सब कुछ खंगाला जा रहा है. अब तक दर्जनों संदिग्धों से पूछताछ हो चुकी है. छांगुर के साम्राज्य की नींवें हिल रही हैं.
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