भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट मैच में 336 रनों से जीत हासिल की. मुकाबले में इंग्लैंड को जीत के लिए 608 रनों का टारगेट मिला था, जिसका पीछा करते हुए उसकी पूरी टीम दूसरी पारी में 271 रनों पर सिमट गई. इस जीत के चलते पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने 1-1 की बराबरी कर ली है. सीरीज का तीसरा मुकाबला लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर 10 जुलाई (गुरुवार) से खेला जाना है.
भारतीय टीम को लीड्स टेस्ट मैच में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद टीम की रणनीति की आलोचना हो रही. अब इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी लय में दिखे और एजबेस्टन के मैदान पर पहली टेस्ट जीत हासिल की. भारतीय टीम की जीत में 5 फैक्टर्स की अहम भूमिका रही.
गिल की शानदार कैप्टेंसी और अद्भुत बल्लेबाजी: भारतीय टीम की जीत में शुभमन गिल के दो शतकों की अहम भूमिका रही. शुभमन गिल ने पहली पारी में 269 रन बनाए. फिर उन्होंने दूसरी पारी में बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए 161 रन बनाए. यानी इस मैच में शुभमन के बल्ले से 430 रन निकले. शुभमन गिल की कप्तानी भी पिछले मुकाबले की तुलना में अच्छी रही.
आकाश-सिराज का पैस अटैक: भारतीय टीम जसप्रीत बुमराह के बिना इस मुकाबले में उतरी थी. लेकिन उनकी कमी आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने पूरी की. सिराज ने पहली पारी में छह विकेट झटके. वहीं आकाश दीप ने दूसरी इनिंग्स में 6 विकेट चटकाए. आकाश दीप ने पहली पारी में भी चार विकेट हासिल किए थे. यानी उन्होंने इस मुकाबले में 10 विकेट झटके. पहली पारी में जेमी स्मिथ और हैरी ब्रूक के बीच हुई 303 रनों की पार्टनरशिप के बाद इन दोनों गेंदबाजों ने ही भारत की वापसी कराई थी और आखिरी के 5 विकेट जल्द झटक लिए थे.
फील्डिंग में भी सुधार: लीड्स टेस्ट मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने 8 कैच छोड़े थे. उस मैच की तुलना में भारतीय टीम का इस मैच में फील्ड में प्रदर्शन अच्छा रहा. कुछ मौके जरूर भारतीय खिलाड़ियों ने गंवाए, लेकिन जब विकेट लेने की बारी आई तो गेंदबाजों का साथ फील्डर्स ने बखूबी दिया. इसका नतीजा भी इस मुकाबले में देखने को मिला.
कमजोर इंग्लिश गेंदबाजी: मुकाबले में भारतीय टीम ने दोनों पारियों को मिलाकर 1000 से ज्यादा रन बनाए. इससे पता चलता है कि मेजबान टीम की गेंदबाजी ने किस कदर स्ट्रगल किया होगा. दूसरी पारी में इंग्लिश गेंदबाज तो इस बात का इंतजार करते रहे कि भारतीय टीम कब डिक्लेरेशन करेगी. इंग्लैंड की टीम इस मैच में जोफ्रा आर्चर को यदि खिलाती, तो हो सकता था कि वो कुछ प्रभाव छोड़ते. हालांकि इंग्लैंड ने विनिंग कॉम्बिनेशन में बदलाव नहीं करने का फैसला किया था.
जडेजा-सुंदर का ऑलराउंड खेल: रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के प्रदर्शन को भी नकारा नहीं जा सकता है. जडेजा ने पहली पारी में 89 और दूसरी पारी में नाबाद 69 रन बनाए. वहीं सुंदर ने पहली इनिंग्स में 42 रन बनाए. जडेजा और सुंदर ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में 1-1 विकेट भी झटका. इंग्लिश कप्तान स्टोक्स का विकेट तो दूसरी पारी में काफी अहम रहा, जो सुंदर की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए थे.
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