संसद, सिंदूर और संग्राम! विपक्ष ने की सवालों की बौछार, तो सरकार ने खड़ी की जवाबों की दीवार… लोकसभा में जमकर चले सियासी तीर

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संसद में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर सुबह 12 बजे चर्चा शुरू होनी थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते 2 बार लोकसभा की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी. आखिरकार दोपहर दो बजे से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई, जो देर रात तक चली. दोनों सदनों इस मुद्दे पर 16-16 घंटे बहस होना तय हुआ. लोकसभा में सरकार और विपक्ष में जबरदस्त वार-पलटवार देखने को मिला.

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर ट्रंप के दावे और विपक्ष के सवालों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया. एक बार नहीं बल्कि दो दर्जन से ज्यादा बार अमेरिकी राष्ट्रपति भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाने का दावा कर चुके हैं. जिस वक्त देश की संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चल रही थी, उस वक्त भी स्कॉटलैंड में मौजूद ट्रंप ने युद्धविराम करवाने का क्रेडिट लिया. इस बात को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार को ट्रंप ने सीजफायर के लिए मजबूर किया.

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीजफायर की पूरी कहानी सुनाई. सीजफायर क्यों हुआ, कैसे हुआ, किन शर्तों पर हुआ और अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे का सच क्या है. ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने बड़ी बात कही. उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल से 17 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी. ऐसे में ट्रंप की मध्यस्थता का सवाल नहीं उठता.

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एस. जयशंकर ने बताया कैसे हुआ सीजफायर

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से टेलीफोन पर बात की थी. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान बड़े हमले की तैयारी में है. उनसे पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर पाकिस्तान ने हमला किया, तो इसका जवाब कहीं ज्यादा बड़ा और घातक होगा. हकीकत ये है कि 9 और 10 मई की रात भारत की जवाबी कार्रवाई से डरा पाकिस्तान सरेंडर को मजबूर हो गया. विदेश मंत्री के बयान के मुताबिक पहलगाम हमले के बाद भारत ने दुनिया को आतंकियों के खिलाफ बड़े और कड़े एक्शन के इरादे जाहिर कर दिए थे. भारत ने 6 और 7 मई की रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 22 मिनट के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया.

भारत ने स्पष्ट किया था कि उसने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया ना कि पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान या नागरिक आबादी को. लेकिन पाकिस्तान ने भारत पर जवाबी हमले की नाकाम कोशिश की. 9 और 10 मई की रात पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन सभी हमले नाकाम कर दिए गए. पाकिस्तान ने हिमाकत की तो भारत ने उसके कई सैन्य ठिकानों और 12 वायुसेना अड्डों पर ताबड़तोड़ हमले किए. इससे डरा पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया और भारत के डीजीएमओ से सीजफायर के लिए गिड़गिडाया, जिसके बाद भारत युद्धविराम के लिए तैयार हुआ.

PAK डर के मारे सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाया

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर विपक्ष बार-बार एक ही आरोप लगाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर जंग रुकी. यानी डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर करवाया. वहीं मोदी सरकार बार-बार एक ही बात कहती है, जंग ट्रंप ने नहीं रुकवाई. बल्कि पाकिस्तान डर के मारे जंग को रुकवाने के लिए गिड़गिड़ाया. अब ऑपरेशन सिंदूर के 89 दिनों बाद, संसद में जब इसपर चर्चा शुरु हुई, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने, यही बात दोहराई. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान कैसे घुटनों पर आया, और उनके डीजीएमओ ने जंग रुकवाने के लिए फोन किया. लेकिन कांग्रेस कह रही है कि ट्रंप ने फिर दावा क्यों किया, सच्चाई क्या है?

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर दोबारा शुरू किया जा सकता है. पाकिस्तान की ये पेशकश इस कैवियट के साथ स्वीकार की गई कि ऑपरेशन स्थगित नहीं किया गया, सिर्फ रोका गया है. अगर पाकिस्तान की तरफ से कोई भी हिमाकत हुई, तो ऑपेरशन दोबारा शुरू किया जा सकता है. 12 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई और संघर्ष रोकने पर सहमति बनी. लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा- ट्रंप 26 बार सीजफायर रुकवाने की बात कह चुके हैं. उन्होंने कहा कि 5 फाइटर जेट गिरे. एक-एक जेट करोड़ों रुपए के हैं. सरकार बताए कि पाकिस्तान के युद्ध में हमारे कितने लड़ाकू विमान गिरे. सीजफायर क्यों हुआ. अगर पाकिस्तान वाकई में घुटने टेकने के लिए तैयार था, तो प्रधानमंत्री क्यों झुके? उन्होंने किसके सामने सरेंडर किया.

राजनाथ ने कहा, विपक्ष का काम होता है सवाल पूछना. सत्ताधारी दल का काम होता है- जनता के लिए काम करना. कभी-कभी विपक्ष के लोग ये पूछते हैं कि हमारे कितने विमान गिराए. हमसे कभी ये नहीं पूछा कि हमने दुश्मन के कितने विमान गिराए. दुश्मन के कितने ठिकाने नेस्तनाबूद किए. इसका उत्तर है- हां हमने दुश्मन को बड़ी क्षति पहुंचाई. अगर आपका प्रश्न है, ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा तो इसका उत्तर है- हां. क्या हमने मांओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया, तो उत्तर है- हां. अगर प्रश्न है कि हमारे सैनिकोंं की क्षति हुई, तो उत्तर है- नहीं. 

हमारे लड़ाकू विमानों ने पास से हमला क्यों नहीं किया: गोगोई

गौरव गोगोई बोले- हमारे लड़ाकू विमानों ने पास जाकर हमला क्यों नहीं किया? मैं इतिहास की लाइनें नहीं पढ़ना चाहूंगा. मैं सेना के अफसरों की बातें सदन में पढ़ना चाहूंगा. जो बातें हमें देश में सुननी चाहिए, वे CDS ने सिंगापुर में जाकर ब्लूमबर्ग से कहीं. उन्होंने कहा कि हमने गलतियों को समझा, सुधारा और दूर से जाकर हमला किया. हमारे पास देश के बेहतरीन लड़ाकू विमान हैं. बेहतरीन पायलट हैं. फिर CDS को क्यों कहना पड़ा कि हमारे लड़ाकू विमान को दूर से हमला करना पड़ा. क्या हम पास से नहीं मार सकते. हमें ये जानकारी चाहिए. संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी चर्चा में रक्षा मंत्री ने ये भी बताया कि कैसे भारतीय सेना ने 22 मिनट के अंदर पाकिस्तान में आतंक के अड्डे ध्वस्त कर दिए. आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा.

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राजनाथ बोले- भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर के ठिकानों को नष्ट किया. सिर्फ 22 मिनट में ऑपरेशन पूरा कर लिया. आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा. यह सिंदूर की लाली शौर्य की कहानी है, भारत के मस्तक पर वीरता की निशानी है. गोगोई बोले- पाकिस्तान तो सिर्फ फ्रंट पर था, पीछे चीन था. इसमें आश्चर्य की क्या बात है. जो सरकार चीन को लांल आंख दिखाने की बात करती है, उस सरकार ने आज चीन पर बात क्यों नहीं की. युद्ध मे पाकिस्तान को चीन ने कितना मदद किया, ये हम सेना से नहीं, रक्षा मंत्री और पीएम मोदी से जानना चाहते हैं. संसद में राजनाथ सिंह ने ये भी बताया, कि कैसे पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी. और इसी का बदला लेने के लिए, मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. लेकिन कांग्रेस ने पूछा कि पहलगाम में आतंकी घुसे कैसे, सरकार इसकी सच्चाई बताए.

राजनाथ बोले- पीएम ने सेना को कार्रवाई करने की पूरी छूट दी. 6-7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. 22 अप्रैल को पहलगाम में कायराना आतंकी हमला हुआ, 26 निर्दोष लोगों की जान गई. उन्हें धर्म पूछकर गोली मारी गई. यह घृणित काम था. यह भारत की सहनशक्ति की परीक्षा थी. प्रधानमंत्री की बैठक में सेनाओं को छूट दी गई कि वे निर्णायक कार्रवाई करें. कांग्रेस सांसद गोगोई बोले- रक्षा मंत्री ने यह नहीं बताया, आतंकी कैसे आए. इस चर्चा की विशेष मांग यह है कि सच्चाई सदन में आनी चाहिए. ऑपरेशन सिंदूर और विदेश नीति की सच्चाई सामने आनी चाहिए. राजनाथ सिंह ने बहुत सी जानकारी दी. लेकिन उन्होंने रक्षा मंत्री होने के नाते ये नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आए. कैसे 5 दहशतगर्दों ने 26 पर्यटकों को छलनी कर दिया.

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मोदी के नेतृत्व वाला भारत किसी भी हद तक जा सकता है: राजनाथ

राजनाथ सिंह ने भरी संसद में पाकिस्तान को ललकारा, और ये भी कहा कि ये मोदी के नेतृत्व वाला भारत है, जो दुश्मन पर तगड़ा प्रहार करता है. रक्षा मंत्री ने कहा, 'अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है. पाकिस्तान की सेना और आईएसआई प्रॉक्सी वॉर करते हैं. ये मोदी के नेतृत्व वाला भारत है जो किसी भी हद तक जा सकता है. हम शांति के प्रयास करना जानते हैं तो अशांति फैलाने वालों के हाथ उखाड़ना भी जानते हैं. हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना पड़ता है. अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है. भगवान कृष्ण हमें धैर्य और शौर्य दोनों सिखाते हैं. 

गौरव गोगोई ने कहा- सरकार हमें अपना दुश्मन ना समझे. हम सच्चाई जानने के लिए सवाल पूछ रहे हैं. पाकिस्तान को IMF ने एक बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता दी, उस पर भारत सरकार क्या कहेगी. पाकिस्तान की सरकार का रिमोट कंट्रोल वहां की सेना के पास है. ये पूरा पैसा वहीं जाएगा, जहां हमने मिसाइलें गिराईं. यह बहस संसद में आज भी जारी रहेगी. सरकार विपक्ष को बार-बार कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर से डरकर पाकिस्तान सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाया, और बार-बार बीच में ट्रंप आ जाते हैं. वह कहते हैं भारत-पाकिस्तान के बीच जंग उन्होंने रुकवाई. अब राहुल गांधी और पूरा विपक्ष डोनाल्ड ट्रंप के बयान को पकड़कर बैठा है, और सरकार पर हमले कर रहा है.

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