सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत है आज, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और महत्व

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Mangla Gauri Vrat 2025: मंगला गौरी का व्रत सावन महीने में बहुत खास माना जाता है. खास तौर पर महिलाएं इस व्रत को अपने घर में अखंड सौभाग्य और खुशहाली के लिए रखती हैं. यह व्रत सावन के हर मंगलवार को किया जाता है, शुरू होता है पहले मंगलवार से और चलता है पूरे महीने तक. इसे माता पार्वती की कृपा पाने का एक पवित्र अवसर माना जाता है. जैसे सावन में सोमवार का व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है, उसी तरह मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत माता पार्वती के लिए रखा जाता है. दूसरा मंगला गौरी व्रत 22 जुलाई यानी आज रखा जा रहा है. 

मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त (Mangla Gauri Vrat 2025 Shubh Muhurat)

दूसरे मंगला गौरी व्रत पर आज दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक मां गौरी और भगवान शंकर का पूजन किया जा सकता है. इसके अलावा, द्विपुष्कर योग सुबह 5 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक रहेगा.

मंगला गौरी व्रत कैसे करें? (Mangla Gauri Vrat 2025 Pujan Vidhi)

इस व्रत के दौरान सुबह जल्दी उठना चाहिए. नित्य स्वच्छता के बाद साफ और नए कपड़े पहनकर व्रत शुरू करना चाहिए. इस दिन सिर्फ एक बार भोजन किया जाता है और पूरे दिन माता पार्वती की सेवा और पूजा की जाती है. मंगला गौरी के चित्र या मूर्ति को विशेष स्थान पर स्थापित करें. फिर 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये' इस मंत्र के साथ व्रत का संकल्प लें.

मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat 2025 Significance)

माना जाता है कि इस व्रत से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. जो व्यक्ति पूरे सावन इस व्रत का पालन करता है, उसके मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं. खासकर जो लड़कियां शादी के लिए इच्छुक होती हैं, उनके लिए यह व्रत बड़े वर की प्राप्ति का मार्ग खोलता है. साथ ही संतान से जुड़ी मुश्किलों को भी दूर करने में यह व्रत सहायक माना जाता है.

इसलिए, सावन के महीने में मंगला गौरी का व्रत रखना शुभ और लाभकारी होता है. यह व्रत न केवल आध्यात्मिक शांति बल्कि पारिवारिक खुशहाली का भी साधन है.

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