कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को एक बार फिर राज्य नेतृत्व बदलाव की अटकलों को खारिज करते हुए मजबूती से कहा कि वह पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. सिद्धारमैया ने कहा, 'हां, मैं पांच साल तक मुख्यमंत्री रहूंगा, क्या आपको कोई शक है?' उनके इस बयान के बाद एक बार फिर कर्नाटक कांग्रेस में मतभेद उबर कर सामने आया है.
अब क्या करेंगे शिवकुमार?
इस बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, 'मेरे पास क्या ऑप्शन है, मुझे उनके साथ खड़ा होना होगा, मुझे उनका समर्थन करना होगा. हाईकमान जो भी कहेगा, मुझे वही करना होगा.' कर्नाटक के दोनों शीर्ष नेताओं के बयान ऐसे समय में आए हैं जब पार्टी विधायकों ने कई सप्ताह तक सार्वजनिक रूप से मांग की थी कि शिवकुमार को कार्यकाल के बीच में ही मुख्यमंत्री पद पर बिठाया जाए.
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सिद्धारमैया के इस बयान को राज्य सरकार में संभावित नेतृत्व परिवर्तन के बारे में चल रही राजनीतिक चर्चा को खत्म करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. यह मंगलवार को कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला की सफाई के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की कोई प्लानिंग नहीं है.
बीजेपी के आरोपों का दिया जवाब
सिद्धारमैया ने बीजेपी नेताओं के उन दावों का भी जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस उन्हें बीच में ही हटा सकती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी कुछ भी दावा करेगी, क्या वह हमारी हाईकमान हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी मामले उसके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं तय करेंगे.
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हालांकि, इससे पहले शिवकुमार ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनने की हसरत नहीं रखते हैं और उनका ध्यान 2028 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को मजबूत करने पर है. शिवकुमार ने आजतक से खास बातचीत में कहा, 'अनुशासन कांग्रेस की सर्वोच्च प्राथमिकता है.'
जब उनसे विधायकों की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए खुलेआम समर्थन के बारे में पूछा गया, तो शिवकुमार ने जवाब दिया, 'मुझे किसी का समर्थन नहीं चाहिए. मैं अभी मुख्यमंत्री पद की उम्मीद नहीं रखता. मेरी फोकस यह है कि कांग्रेस 2028 में सत्ता में आए, यही मेरी प्राथमिकता है.'